क्या वैशाली में बन रहा है बुद्ध सम्यक दर्शन स्मृति स्तूप? 29 जुलाई को होगा उद्घाटन समारोह

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क्या वैशाली में बन रहा है बुद्ध सम्यक दर्शन स्मृति स्तूप? 29 जुलाई को होगा उद्घाटन समारोह

सारांश

वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन 29 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इस भव्य समारोह में 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी शामिल होंगे। जानिए इस स्मृति स्तूप के महत्व और इसके निर्माण की खास बातें।

Key Takeaways

  • बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का उद्घाटन 29 जुलाई को होगा।
  • 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी इस समारोह में भाग लेंगे।
  • 72 एकड़ भूमि पर यह भव्य स्तूप बना है।
  • राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से इसका निर्माण किया गया है।
  • यह वैश्विक बौद्ध विरासत का प्रतीक है।

वैशाली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के वैशाली जिले में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन 29 जुलाई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर दी।

इस समारोह में दुनिया भर के करीब 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और भिक्षु बिहार पहुंच रहे हैं। 72 एकड़ भूमि पर इस भव्य स्तूप का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है।

सीएम नीतीश कुमार ने इस उद्घाटन समारोह को लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का 29 जुलाई को लोकार्पण होने जा रहा है। इस लोकार्पण समारोह में दुनिया भर के करीब 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध भिक्षु बिहार आ रहे हैं। यह हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव का क्षण होगा। मैंने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य का लगातार निरीक्षण किया ताकि निर्माण कार्य विशिष्ट ढंग से जल्द से जल्द पूर्ण हो सके। 72 एकड़ भूमि पर इस भव्य स्तूप का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है। इस परिसर का स्वरूप पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी काफी अच्छा बनाया गया है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को सुखद अनुभूति हो।“

बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा। भगवान बुद्ध का अस्थि अवशेष 6 जगहों से प्राप्त हुआ, जिसमें वैशाली के मड स्तूप से जो अस्थि अवशेष मिले वह सबसे प्रामाणिक है जिसका जिक्र चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी पुस्तक में किया है।

वैशाली ऐतिहासिक और पौराणिक भूमि है, जिसने दुनिया को पहला गणतंत्र दिया। यह नारी सशक्तीकरण की भी भूमि रही है। बौद्ध धर्मावलंबियों के संघ में पहली बार यहां महिलाओं को शामिल किया गया। यह स्तूप बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक बौद्ध विरासत का भव्य प्रतीक है।

बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप न केवल वैशाली को वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर प्रतिष्ठित करेगा बल्कि पर्यटन, संस्कृति और रोजगार को भी नई दिशा देगा।

Point of View

बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को भी सशक्त करेगा। यह उद्घाटन समारोह हमारे देश के लिए गर्व का क्षण है, जो देशभर के बौद्ध अनुयायियों को एक साथ लाता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप कब उद्घाटन होगा?
यह स्मृति स्तूप 29 जुलाई को उद्घाटित होगा।
इस समारोह में कितने देशों के बौद्ध धर्मावलंबी शामिल होंगे?
इस समारोह में करीब 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी शामिल होंगे।
बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का निर्माण किस सामग्री से किया गया है?
इस संग्रहालय का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है।
बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का प्रमुख केंद्र क्या है?
इस संग्रहालय के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है।
वैशाली का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
वैशाली ने दुनिया को पहला गणतंत्र दिया और यह नारी सशक्तीकरण की भूमि रही है।