क्या 'वंदे मातरम्' स्वतंत्रता संग्राम की एकता का सूत्र है?

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क्या 'वंदे मातरम्' स्वतंत्रता संग्राम की एकता का सूत्र है?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'वंदे मातरम्' के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा का आरंभ करेंगे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक अविस्मरणीय पल बताया है। जानिए इस ऐतिहासिक चर्चा का महत्व और 'वंदे मातरम्' का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान।

Key Takeaways

  • 'वंदे मातरम्' स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण गीत है।
  • यह गीत एकता और जोश का प्रतीक है।
  • लोकसभा में इस पर विशेष चर्चा का आयोजन किया जा रहा है।
  • 150 साल पूरे होने पर यह अविस्मरणीय पल होगा।
  • सभी दलों के सांसद इसमें भाग लेंगे।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में सोमवार का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'वंदे मातरम्' के 150 साल पूरे होने पर एक विशेष चर्चा का आरंभ करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह बहस भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक अविस्मरणीय पल बनकर उभरेगी।

शेखावत ने बताया कि लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) ने तय किया है कि 'वंदे मातरम्' पर 10 घंटे तक विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि आज से ठीक 150 वर्ष पूर्व बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने यह अमर गीत लिखा था, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपार ऊर्जा भरी।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उस समय देश के विभिन्न हिस्सों में स्वतंत्रता की लड़ाई अलग-अलग तरीकों से लड़ी जा रही थी, लेकिन 'वंदे मातरम्' ने इन सभी संघर्षों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया। यह गीत केवल एक रचना नहीं थी, बल्कि यह स्वतंत्रता सेनानियों के अभिवादन से लेकर उनके अंतिम शब्दों तक का हिस्सा बन गया।

उन्होंने कहा कि यह गीत हिंदुस्तान की आजादी की लड़ाई में जोश, साहस और एकता का सबसे बड़ा प्रतीक बन गया। जहां-जहां स्वतंत्रता आंदोलन उठते थे, वहां 'वंदे मातरम्' की गूंज सुनाई देती थी।

शेखावत ने अफसोस जताते हुए कहा कि दुर्भाग्यवश समय के साथ 'वंदे मातरम्' भी राजनीति का शिकार हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के एक पुराने वक्तव्य का उल्लेख किया जिसमें पीएम ने कहा था कि 'वंदे मातरम्' को लेकर हुआ विभाजन, अंततः देश के विभाजन के बीजों में से एक बन गया।

शेखावत ने कहा कि आज संसद में इस महत्वपूर्ण विषय पर खुलकर चर्चा होगी और यह अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण होगा कि जिस गीत ने लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में एकजुट किया, उस गीत पर सदन में विस्तार से विचार-विमर्श होगा।

इस 10 घंटे की चर्चा में सभी दलों के सांसद हिस्सा लेंगे और 'वंदे मातरम्' के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व पर अपने विचार रखेंगे।

शेखावत ने कहा, "आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अविस्मरणीय होगा। जिस गान ने देश की आजादी से लेकर सीमा की रक्षा करने वाले सैनिकों तक को प्रेरित किया, आज उस पर संसद में खुलकर चर्चा होगी।"

Point of View

बल्कि यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम का अभिन्न हिस्सा है। इससे न केवल स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरणा मिली, बल्कि यह आज भी भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बना हुआ है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'वंदे मातरम्' का कोई विशेष महत्व है?
'वंदे मातरम्' भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है, जो लोगों को एकजुट करने में सहायक रहा।
'वंदे मातरम्' गीत कब लिखा गया था?
यह गीत 150 साल पहले, 1870 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया था।
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