क्या चुनाव आयोग और भाजपा गरीबों के मताधिकार को छीन रहे हैं? : वीरेंद्र सिंह

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप।
- गरीबों के मताधिकार का संरक्षण आवश्यक।
- राजनीतिक जागरूकता जरूरी है।
- नागरिकता का मुद्दा गृह मंत्रालय का है।
- मतदाता सूची में पारदर्शिता आवश्यक।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर गरीबों के मताधिकार को छीनने और 'वोट चोरी' की साजिश कर रहे हैं।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सपा सांसद ने बयान दिया कि भाजपा की हर सरकार ने 'वोट चोरी' कर सत्ता में आने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद, भाजपा ने बिहार में 'वोट चोरी' की रणनीति बनाई है, जिससे वोटर लिस्ट में हेरफेर करके सत्ता हासिल की जा सके। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर कराना एक सुनियोजित षडयंत्र है, जिसके खिलाफ जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है।
उन्होंने राहुल गांधी जैसे नेताओं की सराहना की, जो इस मुद्दे को उठाकर लोगों को सजग कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई यह नहीं कह रहा कि एसआईआर नहीं होनी चाहिए। यह प्रक्रिया आवश्यक है, लेकिन इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठाने चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या इसका उद्देश्य केवल वोटर लिस्ट से नाम हटाना है या छूटे हुए मतदाताओं को शामिल करना है।
सपा सांसद ने यह भी कहा कि नागरिकता तय करना चुनाव आयोग का कार्य नहीं है, बल्कि यह गृह मंत्रालय का अधिकार है। जब चुनाव आयोग नागरिकता जैसे मुद्दों में हस्तक्षेप करता है, तो स्वाभाविक रूप से लोगों में शंका उत्पन्न होती है।
उनके अनुसार, इस प्रक्रिया के तहत बिहार में 65 लाख से अधिक लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने और लोग प्रभावित होंगे या उनके नाम वापस जोड़े जाएंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने राज्य की सभी मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों को स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्देश दिया है। इस पर सपा सांसद ने कहा कि जहां भी भाजपा की सरकार है, वहां ऐसे बयानों से किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। भाजपा की ओर से 'तिरंगा यात्रा' निकालने पर उन्होंने कहा कि तिरंगा तो देश का स्वाभिमान है। किसी को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।
सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल द्वारा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करने पर उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत पीड़ा हो सकती है, जो सदन में सामने आई।