क्या विदेश मंत्री जयशंकर ने 'ब्रिक्स' से मालदीव तक पीएम मोदी के वैश्विक प्रभाव को उजागर किया?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आत्मरक्षा के अधिकार को मजबूत किया।
- मोदी की कूटनीति ने भारत के वैश्विक संबंधों को नया आयाम दिया।
- भारत ने मालदीव के साथ संबंधों में सुधार किया है।
- ब्रिक्स ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
- जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ रिश्ते मजबूत हुए हैं।
नई दिल्ली, २९ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में सोमवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के 'परिवर्तनकारी' प्रभाव पर चर्चा की, जो भारत की वैश्विक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करती है।
उन्होंने बताया कि कैसे मोदी सरकार ने भारत की कूटनीतिक दृष्टि को नया आकार दिया है, स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत किया है, और एक निर्णायक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की छवि को पुनः स्थापित किया है।
जयशंकर ने कहा कि जहां पूर्व की सरकारें सीमा पार आतंकवाद के बावजूद संवाद कायम रखने पर ध्यान केंद्रित करती थीं, वहीं वर्तमान सरकार ने 'सैन्य संकल्प द्वारा समर्थित कूटनीतिक शक्ति' पर जोर दिया है।
इस बदलाव ने भारत की संप्रभुता की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने हितों को प्रस्तुत करने की क्षमता को बढ़ाया है।
जयशंकर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक प्रमुख सफलता बताया, जो न केवल एक सैन्य जीत थी बल्कि कूटनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मजबूत किया और अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त किया।
उन्होंने उल्लेख किया कि १९० से अधिक देशों ने भारत के प्रति एकजुटता दिखाई, जो प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति के तहत भारत की वैश्विक विश्वसनीयता का प्रमाण है।
जयशंकर का मानना है कि मोदी का दृष्टिकोण भारत के राजनयिक संबंधों को एक व्यापक रणनीति में बदल रहा है, जिसमें आर्थिक कूटनीति, रक्षा सहयोग, और सांस्कृतिक संपर्क शामिल हैं। उन्होंने अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों के साथ बढ़ते संबंधों का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि बहुपक्षीय मंचों जैसे 'क्वाड' और 'जी20' में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जयशंकर ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत की क्षेत्रीय और बहुपक्षीय कूटनीति ने रणनीतिक लाभ प्रदान किए हैं, उदाहरण के लिए मालदीव और ब्रिक्स का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि यूपीए के शासनकाल में भारत के मालदीव के साथ संबंध बिगड़ गए थे, जबकि अब मोदी को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
जयशंकर ने ब्रिक्स समूह की महत्वता को भी रेखांकित किया, जिसमें चीन, रूस और ईरान जैसे देश शामिल हैं। ब्रिक्स ने आतंकी हमलों की निंदा की, जो वर्तमान सरकार की कूटनीतिक सफलता को दर्शाता है।