क्या विदेश मंत्री एस. जयशंकर चीन की यात्रा पर जा रहे हैं और एससीओ बैठक में शामिल होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चीन यात्रा महत्वपूर्ण है।
- वे एससीओ की बैठक में भाग लेंगे।
- भारत-चीन संबंधों में सुधार की आवश्यकता है।
- यह यात्रा दोनों देशों के बीच संवाद को बढ़ावा दे सकती है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।
नई दिल्ली, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार से चीन की तीन दिन की यात्रा पर निकलेंगे। वे तियानजिन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे।
विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय बैठकें आयोजित की हैं, जहां उन्होंने अपने चीनी समकक्ष से बातचीत की है। हालांकि, जून 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद, यह उनकी पहली यात्रा होगी।
अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय चर्चा हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर बताया कि भारत-चीन संबंधों की नींव आपसी भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता पर आधारित होगी।
इस यात्रा से पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग का दौरा किया है।
बीजिंग में हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के सुरक्षा परिषद सचिवों की बैठक में, डोभाल ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा नामांकित आतंकवादी समूहों से उत्पन्न खतरों के बारे में चिंता व्यक्त की।
अपनी यात्रा के दौरान, डोभाल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की थी।