क्या आप दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए विजयवाड़ा आना चाहेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- विजयवाड़ा का दशहरा उत्सव धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।
- यह उत्सव इंद्रकीलाद्री की पहाड़ी पर मनाया जाता है।
- लगभग डेढ़ लाख भक्त प्रतिदिन इस उत्सव में भाग लेते हैं।
- यह एक जन-उत्सव है, जो सभी के लिए खुला है।
- सांसद का लक्ष्य विजयवाड़ा को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाना है।
विजयवाड़ा, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा सांसद केसिनेनी शिवनाथ ने बताया कि हमारा उद्देश्य विजयवाड़ा को धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक समृद्धि और मनोरंजन का प्रमुख केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव विजयवाड़ा के इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह धार्मिक उत्सव इंद्रकीलाद्री की पवित्र पहाड़ी पर स्थित देवी कनक दुर्गा के निवास पर मनाया जाता है, जो देश के प्रमुख आध्यात्मिक स्थलों में से एक है।
मीडिया से बातचीत में सांसद केसिनेनी शिवनाथ ने कहा कि दशहरा के दौरान हर दिन लगभग डेढ़ लाख भक्त देवी दुर्गा माता का आशीर्वाद लेने के लिए इस मंदिर में आते हैं। विजयवाड़ा के लोग भव्य उत्सव का आयोजन करने के लिए एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भक्त और स्थानीय निवासी न केवल धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लें, बल्कि सांस्कृतिक और मनोरंजन गतिविधियों का भी आनंद लें। इसको साकार करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोग- व्यापारी, व्यवसायी और उद्योगपति ‘वाइब्रेंट विजयवाड़ा सोसाइटी’ का गठन कर रहे हैं। इस सोसाइटी द्वारा हम विजयवाड़ा उत्सव का आयोजन कर रहे हैं।
सांसद ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश में प्रसिद्ध मैसूर दशहरा उत्सव की तर्ज पर एक विशेष उत्सव का आयोजन करना है। इससे न केवल विजयवाड़ा के व्यापारियों और उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि आम जनता को भी खुशी और गर्व का अनुभव होगा।
लोकसभा सांसद ने कहा कि विजयवाड़ा को हमेशा आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी माना गया है। इस उत्सव के माध्यम से हम इसे फिर से आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि यह उत्सव केवल देवी दुर्गा के भक्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कृष्णा जिले और उसके बाहर भी मनाया जाता है। यह एक जन-उत्सव है, जो जनता द्वारा और जनता के लिए आयोजित किया जाता है। हम देशभर के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे दशहरा के दौरान विजयवाड़ा आएं, कम से कम एक या दो दिन यहां रुकें और इस उत्सव की भव्यता का अनुभव करें।