क्या शनाया कपूर की ईमानदारी और कमिटमेंट ने विक्रांत मैसी को हैरान किया?

सारांश
Key Takeaways
- शनाया कपूर का समर्पण प्रेरणादायक है।
- नेपोटिज्म के बावजूद मेहनत से सफलता संभव है।
- फिल्म में विक्रांत मैसी का किरदार भी दिलचस्प है।
- ईमानदारी और कड़ी मेहनत का महत्व।
- सिनेमाघरों में 11 जुलाई को रिलीज़ होने वाली है।
मुंबई, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता विक्रांत मैसी ने फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' में अभिनेत्री शनाया कपूर के साथ काम करने का अनुभव साझा किया।
विक्रांत ने बताया कि कैसे शनाया का समर्पण और कड़ी मेहनत ने नेपोटिज्म जैसे पूर्वाग्रहों को तोड़ने में मदद की।
राष्ट्र प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में जब विक्रांत से पूछा गया कि उन्होंने रोमांटिक ड्रामा की शूटिंग के दौरान शनाया से क्या सीखा, तो उन्होंने कहा, "मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। लेकिन जिस चीज ने मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया, वह थी उनकी कमिटमेंट। जिस इंटेनसिटी और ईमानदारी के साथ वह इस फिल्म में शामिल हुईं, वह मेरे लिए अविश्वसनीय और प्रेरक थी। भले ही वह नेपोकिड हैं, लेकिन मुझे उनमें विशेषाधिकार का कोई अहसास नहीं हुआ।"
विक्रांत ने आगे कहा, "वह हर दिन सेट पर रहती थीं और इस प्रोजेक्ट के प्रति पूरी दिलचस्पी के साथ जुड़ी हुई थीं। उनका यह कमिटमेंट मुझे प्रेरित करता है, और मैं आशा करता हूं कि वह इसे बनाए रखेंगी।"
उन्होंने कहा कि शनाया जब कैमरे के सामने होती हैं, तो उस पल को बेहद महत्व देती हैं और यह उनके काम में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जब दर्शक फिल्म देखेंगे, तो उन्हें भी यह महसूस होगा कि उन्होंने इस अवसर को हल्के में नहीं लिया है। यह मेरे लिए ताजगी भरा था।
शनाया कपूर 'आंखों की गुस्ताखियां' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने जा रही हैं, जो 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। यह फिल्म रस्किन बॉंड की प्रसिद्ध कहानी 'द आइज हैव इट' से प्रेरित है, जिसमें शनाया एक थियेटर कलाकार की भूमिका निभा रही हैं। विक्रांत मैसी एक दृष्टिहीन संगीतकार का किरदार निभा रहे हैं।
--आईएएनस
एनएस/एएस