क्या विनोद बंसल ने महबूबा मुफ्ती को नसीहत दी? बोले- जिस थाली में खाते हो, उसी में छेद करना बंद करो
सारांश
Key Takeaways
- विनोद बंसल का बयान महबूबा मुफ्ती के खिलाफ है।
- कश्मीर में युवाओं को रोजगार मिल रहा है।
- आतंकवाद की समस्या पर दोनों पक्षों का दृष्टिकोण अलग है।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दिल्ली के कार विस्फोट के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'कश्मीर की समस्याएं लाल किले पर गूंज रही हैं।
विनोद बंसल ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि ये लोग कश्मीर और कश्मीरियत से बाहर नहीं निकलने वाले हैं। जब आतंकवादियों के घर पर धमाका हुआ, तो उन्हें पाकिस्तान याद आया, लेकिन भारत नहीं। जिस थाली में खाते हो, उसी में छेद करना बंद करो।
उन्होंने कहा कि जब अलगाववादी और जिहादी कश्मीर घाटी में निर्दोष हिंदुओं को चुन-चुनकर मार रहे थे, तब भी वे चुप थे। जब अल-फलाह जैसे जिहादी अड्डे स्थापित हुए, तब भी वे चुप थे। अब जब जिहादी डॉक्टरों का एक आतंकवादी मॉड्यूल विस्फोटित हुआ, तब भी वे चुप रहे। जब आतंकवादी खुद विस्फोटों में मारे गए, तब भी वे चुप रहे। जब लाल किले के सामने निर्दोष लोगों का खून बहाया गया, तब भी वे चुप रहे, लेकिन जैसे ही आतंकवादियों के महल ढहे, उनके दिल टूट गए। इन लोगों को यह महसूस हुआ कि उनका सब कुछ बर्बाद हो गया।
विनोद बंसल ने कहा कि अब कश्मीर के युवाओं को काम और रोजगार मिल रहा है, और जिहाद से बाहर निकलने की बातें हो रही हैं।
यह टिप्पणी तब की गई जब मुफ्ती ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई की आलोचना की थी और आरोप लगाया कि नई दिल्ली की नीतियों से न तो जम्मू-कश्मीर में शांति आई है और न ही राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। मुफ्ती ने कहा, "आपने दुनिया को बताया कि कश्मीर में सब कुछ ठीक है, लेकिन कश्मीर की परेशानियां लाल किले के ठीक सामने गूंज रही हैं।"