क्या पीएम मोदी के खिलाफ एआई वीडियो पर विपुल गोयल ने कांग्रेस पर निशाना साधा?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस के एआई वीडियो पर विपुल गोयल की कड़ी प्रतिक्रिया।
- हरियाणा में सेवा पखवाड़ा का आयोजन।
- पारदर्शी क्षतिपूर्ति पोर्टल की स्थापना।
- डॉग बाइट पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना।
- कचरा प्रबंधन और ऊर्जा उत्पादन में सुधार।
फरीदाबाद, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनाए गए एआई-जनरेटेड वीडियो की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियाँ राजनीति को गलत दिशा में ले जाती हैं।
फरीदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विपुल गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे हरियाणा में सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। यह पखवाड़ा पंडित दीनदयाल उपाध्याय और महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से समाज सेवा की भावना को और बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी का एआई जेनरेटेड वीडियो बनाए जाने की कड़ी निंदा की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि “मां सबकी मां होती है और राजनीति में भी इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ राजनीति को गलत दिशा में ले जाती हैं।
इसके अलावा, विपुल गोयल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश सरकार आपदा पीड़ितों की मदद के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल लेकर आई है, तब विपक्षी नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं, जबकि उनके शासनकाल में आपदा पीड़ितों को केवल ढाई और पांच रुपए तक का मुआवजा दिया जाता था। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा पोर्टल पर होने वाला आकलन पूरी तरह पारदर्शी होगा और इसमें भाई-भतीजावाद की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार समाज के अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति को भी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में डॉग बाइट के मामलों में पीड़ितों को 10,000 से लेकर 5 लाख रुपए तक का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छता और ऊर्जा उत्पादन की दिशा में प्रदेश सरकार तेजी से काम कर रही है। जल्द ही हरियाणा के तीन स्थानों पर कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र शुरू किए जाएंगे, जिससे न केवल कचरा प्रबंधन बेहतर होगा बल्कि ऊर्जा की भी अतिरिक्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।