क्या विश्व पशु कल्याण दिवस पर नेताओं और कलाकारों ने पशुओं की देखभाल करने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- विश्व पशु कल्याण दिवस 4 अक्टूबर को मनाया जाता है।
- यह दिन जानवरों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है।
- पशुओं का संरक्षण हमारे पर्यावरण के लिए आवश्यक है।
- भारत में पशुधन का महत्व कृषि में बहुत अधिक है।
- जानवरों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना हमारे लिए जरूरी है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर। ‘विश्व पशु कल्याण दिवस’ पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सभी से पशुओं की देखभाल का संकल्प लेने की अपील की। इसके अतिरिक्त, कई अन्य नेताओं ने भी पशुओं के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
हरियाणा सरकार के डीपीआर ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट पर लिखा, "विश्व पशु दिवस पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सभी से पशुओं की देखभाल करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। पशु हमारे पर्यावरण और जीवन-चक्र का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका संरक्षण ही धरती पर संतुलन और करुणा बनाए रखने का मार्ग है।"
इसी तरह, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने भी अपने एक्स पोस्ट में विश्व पशु दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, "पशु हमारी सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा हैं, और वे हमारी समृद्धि और अर्थव्यवस्था के भी संवाहक रहे हैं। आइए, हम सब इनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हों।"
प्रसिद्ध गायक और अभिनेता अनुज शर्मा ने भी इस अवसर पर अपनी भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "विश्व पशु कल्याण दिवस... आइए इस अवसर पर पशुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके प्रति संवेदनशील होने का संकल्प लें।"
हर साल 4 अक्टूबर को दुनियाभर में ‘विश्व पशु कल्याण दिवस’ मनाया जाता है, जो जानवरों के अधिकारों और उनके कल्याण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। जानवर प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मनुष्य और जानवरों का जीवन एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। पशु न केवल हमारे भोजन और रोजगार का स्रोत हैं, बल्कि वे हमें संवेदनशीलता, करुणा और सहानुभूति भी सिखाते हैं।
विश्व पशु कल्याण दिवस की शुरुआत 1925 में हुई थी, जिसे पहली बार जर्मनी के बर्लिन शहर में मनाया गया। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य जानवरों के प्रति इंसानों की सोच में बदलाव लाना है।
यदि हम इनकी रक्षा नहीं करेंगे तो न केवल ये जानवर लुप्त हो जाएंगे, बल्कि हमारे पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ेगा।
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुओं का महत्व और भी अधिक है। लगभग 70 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है और पशुधन उनके जीवन का अहम हिस्सा होता है।
इस दिन विभिन्न संस्थानों, एनजीओ और पशु प्रेमी संगठनों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, ताकि हम अपने आसपास के जानवरों की सुरक्षा और देखभाल कर सकें।
विश्व पशु कल्याण दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सेमिनार, जागरूकता रैलियां, पशु चिकित्सा शिविर, और फंडरेजिंग इवेंट शामिल हैं।
इस दिन के माध्यम से हम जानवरों के प्रति दया और सम्मान की भावना विकसित कर सकते हैं।