क्या वक्फ कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है? : मोहम्मद सुलेमान

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क्या वक्फ कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है? : मोहम्मद सुलेमान

सारांश

कानपुर से आई एक ताजा रिपोर्ट में, मोहम्मद सुलेमान ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह निर्णय मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करेगा। जानिए इस मुद्दे पर उनकी महत्वपूर्ण बातें।

Key Takeaways

  • वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण है।
  • मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
  • जन आंदोलन से जनता में जागरूकता बढ़ेगी।
  • सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार है।
  • संविधान के तहत अधिकारों की रक्षा आवश्यक है।

कानपुर, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कई महत्वपूर्ण प्रावधानों पर रोक लगाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का आईएनएल के अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अंतिम निर्णय मुसलमानों के पक्ष में होगा, जो कि अधिनियम को असंवैधानिक बताने वाली याचिकाओं के समर्थन में होगा।

मोहम्मद सुलेमान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे थे, जिन पर हमें गहरी आपत्ति थी और जिन्हें हम भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ मानते थे। हमने अधिनियम को पूरी तरह से रद्द करने की अपील की थी। हालांकि, अदालत ने ऐसा नहीं किया है, हमें विश्वास है कि अंतिम निर्णय हमारे पक्ष में आएगा।

उन्होंने बताया कि जिन मुख्य प्रावधानों पर हमें आपत्ति थी, वे थे: पहला, किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति माना जाए या नहीं, यह तय करने का पूरा अधिकार जिला मजिस्ट्रेट को देना; दूसरा, वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड की संरचना, जिसमें मुसलमानों को, जिनके नाम पर संपत्तियां हैं, संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत पर्याप्त अधिकार नहीं दिए गए थे; और तीसरा, यह शर्त कि केवल पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले लोग ही वक्फ उपयोगकर्ता के रूप में पंजीकरण के पात्र होंगे। हम इस प्रतिबंध पर कड़ी आपत्ति करते हैं।

मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, जो मुसलमानों के हित में हो। भारत में मुसलमान अल्पसंख्यक के रूप में रहते हैं; यह संशोधन उनके मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 25-26) का उल्लंघन है। हम संवैधानिक तरीके से (बहस, याचिकाएं) अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, अंतिम निर्णय तक इंतजार करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि पूरे संशोधन पर रोक लगे, लेकिन अदालत ने ऐसा नहीं किया। पूरा आदेश पढ़ा नहीं है, लेकिन अंतरिम राहत याचिका को कुछ हद तक मान्यता दी गई लगती है। भविष्य में अंतिम निर्णय हमारे हित में आएगा। उन्होंने कहा कि जन आंदोलन जारी रहेगा, जिससे जनता की जागरूकता बढ़ेगी। सरकार की मनमानी कानूनी फैसलों के खिलाफ जनता को खड़ा करेंगे, लोकतंत्र में यही सही तरीका है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम समाज के हर वर्ग के अधिकारों की रक्षा करें। वक्फ कानून पर हो रही चर्चाएं और सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इस दृष्टिकोण को और मजबूत बनाता है। हमें हमेशा न्याय और समानता के लिए खड़ा रहना चाहिए।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

वक्फ कानून क्या है?
वक्फ कानून उन संपत्तियों से संबंधित है जो धार्मिक उद्देश्यों के लिए समर्पित की जाती हैं।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कई प्रावधानों पर रोक लगाई है।
मोहम्मद सुलेमान का क्या कहना है?
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा की उम्मीद जताई।
क्या यह निर्णय मुसलमानों के हक में है?
हां, मोहम्मद सुलेमान के अनुसार, यह निर्णय मुसलमानों के हक में आ सकता है।
आगे क्या होगा?
जन आंदोलन जारी रहेगा और लोगों को जागरूक किया जाएगा।