क्या भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने एसआईआर को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा?
सारांश
Key Takeaways
- विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उद्देश्य मतदाता सूची को साफ करना है।
- बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, और रोहिंग्या मतदाताओं का नाम हटाना जरूरी है।
- अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर राजनैतिक हमले किए हैं।
- एसआईआर के पूरा होने तक चुनाव नहीं होंगे।
- हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में होना सुनिश्चित किया जाएगा।
कोलकाता, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा के चलते सियासी हलचल बढ़ गई है। इस बीच, पश्चिम बंगाल में भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने चुनाव आयोग के इस निर्णय का स्वागत किया है।
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का दूसरा चरण रात 12 बजे से लागू हो चुका है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि हमारे वैध वोटर्स का एक भी नाम नहीं हटाया जाना चाहिए, और अवैध मतदाताओं—चाहे वे बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, या रोहिंग्या हों—का नाम भी नहीं रहना चाहिए।
आसनसोल दक्षिण से विधायक अग्निमित्रा पॉल ने एसआईआर के कार्यान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी सोचती हैं कि अधिकारियों का ट्रांसफर करने से एसआईआर रुक जाएगा, तो ऐसा नहीं होगा। अगर एसआईआर नहीं होगा, तो चुनाव भी नहीं होंगे और चुनाव नहीं होंगे तो राष्ट्रपति शासन लागू होगा।
अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि ममता बनर्जी और तृणमूल पार्टी एसआईआर को रोकने की कोशिश कर सकती हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में यह प्रक्रिया अवश्य पूरी होगी। एसआईआर के पूरा होने तक चुनाव नहीं होंगे। हमारे बीएलओ और सरकारी अधिकारी बिना किसी डर के कार्य करेंगे। चिंता की कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य एक स्वच्छ मतदाता सूची बनाना है, बिहार के विपरीत, जहां दोहरे मतदान के प्रयास में 80 लोगों को जेल हुई थी। पश्चिम बंगाल में हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में होगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, और किसी भी विदेशी प्रभाव की अनुमति नहीं दी जाएगी।
चुनाव आयोग ने सोमवार को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। इस चरण में, देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंतर्गत कवर किया जाएगा। इसमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार शामिल हैं।