क्या शी जिनपिंग ने एससीओ प्लस सम्मेलन पर महत्वपूर्ण भाषण दिया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रभुसत्ता की समानता का पालन करना आवश्यक है।
- अंतरराष्ट्रीय कानूनी शासन का महत्व बढ़ता जा रहा है।
- बहुपक्षवाद को लागू करना महत्वपूर्ण है।
- मानवता पर केंद्रित रहना चाहिए।
- एक्शन ओरिएंटेशन पर जोर देना आवश्यक है।
बीजिंग, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 1 सितंबर को दोपहर के बाद थ्येनचिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन प्लस सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसका शीर्षक है एससीओ की शक्ति को एकत्र कर वैश्विक शासन में सुधार करना।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्व फासीवाद के खिलाफ युद्ध और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ है, जो हमें इतिहास की याद दिलाते हुए एक साथ भविष्य की रचना का महत्वपूर्ण समय प्रदान करता है। 80 साल पहले, दो विश्व युद्धों की भीषण विपत्तियों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सीख ली और संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ, जिसने वैश्विक शासन का एक नया अध्याय जोड़ा। 80 वर्षों बाद, शांति, विकास, सहयोग और साझी जीत की धारा में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन शीतयुद्ध, प्रभुत्ववाद और संरक्षणवाद की चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। विश्व एक नए परिवर्तित काल में प्रवेश कर चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं वैश्विक शासन की पहल प्रस्तुत करते हुए विभिन्न देशों के साथ एक अधिक न्यायपूर्ण और युक्तियुक्त वैश्विक शासन व्यवस्था की स्थापना के लिए तैयार हूं। पहले, प्रभुसत्ता की समानता का पालन करना। दूसरे, अंतरराष्ट्रीय कानूनी शासन का पालन करना। तीसरे, बहुपक्षवाद को लागू करना। चौथे, मानवता पर केंद्रित रहना। पांचवें, एक्शन ओरिएंटेशन पर जोर देना।
उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व वैश्विक परिवर्तन के सामने एससीओ को नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हुए वैश्विक शासन पहल का एक मॉडल बनना चाहिए। हमें विश्व शांति और स्थिरता के लिए एससीओ की शक्ति को बढ़ाना चाहिए और वैश्विक खुलेपन व सहयोग के लिए इसकी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। चीन अपने विशाल बाजार के अवसरों को साझा करने को तैयार है। हमें समग्र मानव मूल्यों के लिए एससीओ का मॉडल स्थापित करना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय न्याय व निष्पक्षता के लिए एससीओ की कार्रवाई करनी चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)