क्या यमुना अथॉरिटी ने 1119 औद्योगिक इकाइयों के आवंटियों को नोटिस जारी किया है?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना अथॉरिटी ने 1119 औद्योगिक इकाइयों के लिए नोटिस जारी किया है।
- निर्माण कार्य में प्रगति न दिखाने वाले आवंटियों को चेतावनी दी गई है।
- क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को तेजी से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।
- सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा, जैसे 'मेक इन इंडिया'।
- यह क्षेत्र रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायक होगा।
ग्रेटर नोएडा, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अपने औद्योगिक क्षेत्रों में तेज़ी से विकास सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
अथॉरिटी ने सेक्टर-24, 24ए, 28, 29, 32 और 33 में आवंटित औद्योगिक प्लॉट्स के 1119 आवंटियों को नोटिस जारी कर डेवलपमेंट प्लान जमा करने का निर्देश दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि क्षेत्र में समय पर औद्योगिक गतिविधियाँ शुरू हो सकें और उत्पादन को गति मिले।
यमुना अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार, अब तक कुल 3042 औद्योगिक प्लॉटों का आवंटन किया जा चुका है, लेकिन इनमें से केवल 273 साइट्स पर निर्माण कार्य शुरू हुआ है, जबकि शेष आवंटियों ने अब तक कोई प्रगति नहीं दिखाई है। इतना ही नहीं, कुल आवंटियों में से केवल 700 ने ही नक्शा पास कराया है। इस धीमी प्रगति के चलते, अथॉरिटी अब समयसीमा तय करने की तैयारी में है।
अथॉरिटी के सीईओ ने स्पष्ट किया है कि उनका मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र में जल्द से जल्द औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन शुरू हो। इसके लिए जिन आवंटियों ने अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया है, उन्हें चेतावनी स्वरूप नोटिस जारी किए गए हैं।
सीईओ का मानना है कि अगर निर्माण कार्य में तेजी लाई जाती है, तो न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक क्षेत्र उत्तर भारत के सबसे बड़े औद्योगिक हब के रूप में उभर रहा है। यहाँ इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फर्नीचर और अन्य मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने की योजना है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे “मेक इन इंडिया” और “एक्सपोर्ट हब” को भी इससे सीधा लाभ मिलेगा।