क्या यमुना का जलस्तर बढ़ने से मयूर विहार में 100 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना।
- चिकित्सा सुविधाएं और भोजन की व्यवस्था।
- डॉक्टरों की टीम द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
- बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए तत्परता से उपाय।
- सुरक्षा और सेवा में जिला प्रशासन की सक्रियता।
नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यमुना नदी में जलस्तर के बढ़ने के चलते, जिला प्रशासन ने मयूर विहार फेस 1 में 100 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को तात्कालिक सहायता और सुविधाएं प्रदान करना है।
जिला प्रशासन की ओर से चिकित्सा सुविधाओं के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की भी व्यवस्था की गई है, जिससे प्रभावित क्षेत्र के लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इसके साथ ही, खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है ताकि जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
इन शिविरों में प्रतिदिन मेडिकल जांच और उपचार का कार्य जारी है। डॉक्टर आसिफ खान ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि ये मेडिकल शिविर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर स्थापित किए गए हैं। उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्राथमिक उपचार प्रदान करना है, ताकि स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते व्यक्तियों को तत्काल सहायता मिल सके।
डॉ. आसिफ खान ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी मरीज इलाज के लिए परेशान न हो। सामान्य बीमारियों का इलाज हम शिविर में ही कर देते हैं। यदि किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है, तो उसे तुरंत एंबुलेंस के माध्यम से नजदीकी अस्पताल भेजा जाता है, ताकि उसका उचित इलाज हो सके।"
डॉक्टरों की एक टीम लगातार काम कर रही है ताकि सभी मरीजों का सही समय पर इलाज हो सके। वे यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी प्रकार की चिकित्सा सेवा में कोई बाधा न आए।
इस प्रकार, जिला प्रशासन और डॉक्टरों की टीम मिलकर बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मेडिकल कैंप और अन्य राहत कार्यों से प्रभावित लोगों को राहत मिल रही है और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
वहीं, यमुना के जलस्तर बढ़ने की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तत्परता के साथ लोगों की सुरक्षा और सेवा में जुटा हुआ है।