क्या यमन संकट में सऊदी के दक्षिण प्रांतों में तनाव कम करने की अपील का समर्थन किया गया?

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क्या यमन संकट में सऊदी के दक्षिण प्रांतों में तनाव कम करने की अपील का समर्थन किया गया?

सारांश

यमन की मान्यता प्राप्त सरकार ने सऊदी अरब के दक्षिणी क्षेत्रों में तनाव कम करने की अपील का समर्थन किया है, जो हाल की सैन्य गतिविधियों के मध्य आया है। क्या इससे क्षेत्र में शांति बहाली में मदद मिलेगी? जानें इस जटिल स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • यमन की सरकार ने सऊदी अरब के तनाव कम करने की अपील का समर्थन किया।
  • एसटीसी की सैन्य गतिविधियाँ क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर रही हैं।
  • सऊदी अरब ने एसटीसी की कार्रवाई को एकतरफा बताया है।
  • हद्रामौत और अल-महरा में स्थानीय बलों की भर्ती जारी है।
  • यमन में गृहयुद्ध २०१४ से चल रहा है।

अदन, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार ने गुरुवार को सऊदी अरब के दक्षिणी क्षेत्रों (विशेषकर हदरमौत और अल-महरा प्रांतों) में तनाव कम करने की अपील का समर्थन किया है। यह निर्णय साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) की हालिया सैन्य गतिविधियों के मध्य आया है, जिसने इन प्रांतों पर कब्जा कर लिया है और हूती-विरोधी गठबंधन में दरार डाल दी है।

राज्य समर्थित सबा न्यूज एजेंसी के अनुसार, यमनी सरकार ने हद्रामौत और अल-महरा प्रांतों में हाल के घटनाक्रमों के प्रति सऊदी अरब के स्पष्ट, संतुलित और जिम्मेदार रुख का स्वागत किया।

सरकार ने चेतावनी दी कि राज्य के अधिकार क्षेत्र से बाहर और प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल (पीएलसी) से इतर कोई भी सैन्य कार्रवाई "तनाव का एक अस्वीकार्य स्रोत" मानी जाएगी।

सऊदी विदेश मंत्रालय ने २५ दिसंबर को बयान जारी कर एसटीसी की कार्रवाई को "एकतरफा" और "अनुचित" बताया, जो यमनी हितों को नुकसान पहुंचा रही है। सऊदी ने एसटीसी से तत्काल और व्यवस्थित तरीके से बलों की वापसी की मांग की। एक संयुक्त सऊदी-यूएई प्रतिनिधिमंडल १२ दिसंबर को अदन पहुंचा था, जो तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहा है।

एसटीसी ने इन प्रांतों में स्थानीय बलों की भर्ती का विस्तार जारी रखा, लेकिन सऊदी-यूएई प्रयासों के बावजूद अभी तक कोई बड़ा समझौता नहीं हुआ। एसटीसी दक्षिण यमन की स्वतंत्रता चाहता है।

रियाद ने घोषणा की कि एक संयुक्त सऊदी-अमीराती सैन्य प्रतिनिधिमंडल अदन पहुंचा है ताकि एसटीसी के साथ मिलकर इलाकों से अपनी सेनाओं को व्यवस्थित तरीके से हटाया जाए।

३ दिसंबर को तनाव तब बढ़ गया जब एसटीसी बलों ने सरकार समर्थक इकाइयों के साथ झड़पों के बाद हद्रामौत पर कब्जा कर लिया था। उन पर 'मुस्लिम ब्रदरहुड' से संबंध बनाए रखने का आरोप लगाया गया। एसटीसी ने पीएलसी की भी आलोचना की कि वह हूती समूह के खिलाफ कोई गंभीर अभियान शुरू करने में नाकाम रहा है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, इसके बाद एसटीसी बलों ने बिना किसी विरोध के अल-महराह में अपना विस्तार किया और यमनी सरकार और सऊदी अरब की ओर से बार-बार तनाव कम करने की अपील के बावजूद, दोनों प्रांतों में स्थानीय बलों की भर्ती की है।

यमन में २०१४ से जारी गृहयुद्ध में हूती विद्रोहियों (ईरान समर्थित) ने उत्तरी हिस्से पर कब्जा कर लिया था, जबकि सऊदी अरब के नेतृत्व वाला गठबंधन अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार (अब प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल—पीएलसी) का समर्थन करता है। एसटीसी (यूएई समर्थित) २०१७ में गठित हुआ और दक्षिण यमन की स्वतंत्रता की मांग करता है।

२०२२ में एसटीसी को पीएलसी में शामिल किया गया था, लेकिन हाल ही में (दिसंबर २०२५ की शुरुआत में) एसटीसी ने हदरमौत और अल-महरा पर कब्जा कर लिया, जहां ८० प्रतिशत तेल भंडार हैं। एसटीसी ने इसे "सुरक्षा मजबूत करने" के रूप में जस्टिफाई किया, लेकिन सऊदी अरब ने इसे "अनुचित वृद्धि" कहा।

Point of View

हमें यमन की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता है। सरकार द्वारा तनाव कम करने की अपील का समर्थन महत्वपूर्ण है, लेकिन एसटीसी की गतिविधियाँ इसे और जटिल बना रही हैं। हमें आशा है कि सऊदी अरब और यूएई के प्रयास सफल होंगे।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

यमन संकट का मुख्य कारण क्या है?
यमन संकट का मुख्य कारण गृहयुद्ध है, जिसमें हूती विद्रोहियों और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के बीच संघर्ष हो रहा है।
एसटीसी क्या है?
एसटीसी, या साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल, दक्षिण यमन की स्वतंत्रता की मांग करने वाला एक संगठन है।
सऊदी अरब का यमन में क्या रोल है?
सऊदी अरब यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन करता है और हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में शामिल है।
क्या यमन में शांति की कोई संभावना है?
हालांकि स्थिति जटिल है, सऊदी अरब और यूएई के तनाव कम करने के प्रयासों से शांति की संभावना बनी हुई है।
हद्रामौत और अल-महरा की क्या स्थिति है?
हद्रामौत और अल-महरा प्रांतों में एसटीसी की सैन्य गतिविधियाँ जारी हैं, जिसने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
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