क्या योगी सरकार ने चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को 423.80 करोड़ दिए?

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क्या योगी सरकार ने चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को 423.80 करोड़ दिए?

सारांश

योगी सरकार ने नए बजट में चिकित्सा शिक्षा को प्राथमिकता दी है। 423.80 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद है। जानिए इस बजट का प्रभाव क्या होगा।

Key Takeaways

  • चिकित्सा शिक्षा के लिए 423.80 करोड़ रुपए का आवंटन
  • स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में कदम
  • नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना
  • गंभीर रोगों के उपचार के लिए विशेष बजट
  • सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं का विस्तार

लखनऊ, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए अनुपूरक बजट में चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता दी है। प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं के विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए कुल 423.80 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह बजट आवंटन राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

योगी सरकार ने अनुपूरक बजट में राज्य के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को वेतन अनुदान, गैर-वेतन अनुदान, व्यावसायिक और विशेष सेवाओं तथा विभिन्न मदों के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराई है। सीतापुर स्थित नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी एंड रिसर्च को वेतन अनुदान के लिए 1.74 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट दिया गया है। वहीं कैंसर संस्थान लखनऊ को विभिन्न मदों के लिए 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट प्राप्त हुआ है। लखनऊ के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों पर भी सरकार का विशेष ध्यान रहा है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), लखनऊ को विभिन्न मदों के लिए 120 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता को बजट में शामिल किया गया है।

इसके अलावा, सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च, लखनऊ को वेतन अनुदान के लिए 1 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, गोमतीनगर को भी वेतन अनुदान के लिए 20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है। वहीं, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) को वेतन अनुदान के लिए 25 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

योगी सरकार ने गंभीर और दीर्घकालिक रोगों के उपचार पर भी ध्यान दिया है। हीमोफीलिया रोग की निशुल्क चिकित्सा सुविधा के तहत औषधि और रसायनों की खरीद के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जिससे हजारों मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेजों को भी बड़ी धनराशि आवंटित की गई है। राजकीय मेडिकल कॉलेज, आजमगढ़ को व्यावसायिक एवं विशेष सेवाओं के लिए 50 लाख रुपए, बांदा मेडिकल कॉलेज को 2.18 करोड़ रुपए, सैफई (इटावा) स्थित रूरल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को गैर-वेतन अनुदान के लिए 73.09 लाख रुपए दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज आगरा को 9.5 करोड़, गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक मेडिकल कॉलेज, कानपुर को 8.75 करोड़ और मेडिकल कॉलेज प्रयागराज को 6 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता के तहत बजट मिला है।

इसी क्रम में मेडिकल कॉलेज मेरठ को 10.65 करोड़, झांसी को 3.85 करोड़, गोरखपुर को 5.07 करोड़ रुपए दिए गए हैं। कानपुर स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक मेडिकल कॉलेज में स्थापित कार्डियोलॉजिकल इंस्टिट्यूट के लिए व्यावसायिक एवं विशेष सेवाओं के लिए 5 लाख रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए स्थापित नर्सिंग कॉलेजों को भी 8.97 लाख रुपए दिए गए हैं। अन्य मेडिकल कॉलेजों में एटा को वेतन अनुदान के लिए 2 करोड़, हरदोई को गैर-वेतन अनुदान के लिए 7.5 करोड़, प्रतापगढ़ को 15 करोड़, फतेहपुर को 5.5 करोड़, सिद्धार्थनगर को 15.5 करोड़, देवरिया को 6 करोड़, गाजीपुर को 15.5 करोड़ और मीरजापुर को गैर-वेतन अनुदान के लिए 5.5 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

योगी सरकार ने नोएडा में सुपर स्पेशियलिटी बाल चिकित्सालय एवं पोस्ट ग्रेजुएट शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए वेतन अनुदान के लिए 2 करोड़ रुपए और ग्रेटर नोएडा में चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 7 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। बदायूं, फिरोजाबाद, बस्ती, अयोध्या, बहराइच और शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेजों को भी विभिन्न मदों के लिए करोड़ों रुपए की अतिरिक्त धनराशि दी गई है।

फेज-थ्री के तहत स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के लिए 45 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही जेके इंस्टिट्यूट ऑफ रेडियोलॉजी एंड कैंसर रिसर्च, कानपुर को भी विशेष सेवाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि दी गई है। प्रदेश के कई जिलों जैसे एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, मीरजापुर सहित अन्य जिलों में नए स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए प्रतीक रूप में राज्यांश की व्यवस्था की गई है।

Point of View

योगी सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। यह न केवल चिकित्सा शिक्षा को बल देगा, बल्कि मरीजों को बेहतर सेवाएं भी प्रदान करेगा।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

योगी सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के लिए कितने करोड़ आवंटित किए हैं?
योगी सरकार ने चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए 423.80 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
इस बजट का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस बजट का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करना और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है।
कौन से चिकित्सा संस्थानों को अतिरिक्त धनराशि मिली है?
सीतापुर स्थित नेहरू इंस्टिट्यूट, कैंसर संस्थान लखनऊ, और एसजीपीजीआई जैसे प्रमुख संस्थानों को अतिरिक्त धनराशि दी गई है।
क्या यह बजट स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करेगा?
जी हां, यह बजट प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूती देने में मदद करेगा।
सरकार ने गंभीर रोगों के उपचार के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने हीमोफीलिया रोग की निशुल्क चिकित्सा के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
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