क्या योगी सरकार बाल आश्रयगृहों में सुविधाओं का विस्तार कर रही है?

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क्या योगी सरकार बाल आश्रयगृहों में सुविधाओं का विस्तार कर रही है?

सारांश

योगी सरकार महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा और सशक्तीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हाल ही में घोषित योजनाओं के तहत, प्रदेश के आश्रय गृहों में सुविधाओं का समुचित विस्तार किया जा रहा है, जिससे असहाय लोगों को आत्मनिर्भरता और सम्मान की ओर अग्रसर किया जा सके।

Key Takeaways

  • महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा और सुविधाओं का विस्तार।
  • आर्थिक सहायता के साथ-साथ भावनात्मक सहयोग भी।
  • शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों का नामांकन।
  • स्वास्थ्य जांच और मेडिकल प्रोफाइलिंग का महत्व।
  • समाज के विभिन्न वर्गों से सहयोग की आवश्यकता।

लखनऊ, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। महिला कल्याण विभाग के अंतर्गत प्रदेश में संचालित सभी संरक्षण गृहों, बालगृहों, विशेष गृहों, महिला शरणालयों और वृद्धाश्रमों को अतिरिक्त समर्थन और सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। आश्रय गृहों में रहने वाली महिलाओं एवं बच्चों के लिए योगी सरकार सुविधाओं का विस्तार कर रही है।

इस पहल का उद्देश्य बाल देखरेख संस्थाओं और महिला संरक्षण गृहों में निवास कर रही महिलाओं और बच्चों को न केवल सुरक्षित पर्यावरण प्रदान करना है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में आत्मनिर्भरता के साथ जोड़ना भी है। इसके तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित इन संस्थाओं को वित्तीय वर्ष २०२५-२६ की पहली तिमाही में १०.६७ करोड़ से अधिक की धनराशि प्रदान की गई है, जिसमें भोजन, सामग्री, उपकरण और आउटसोर्सिंग सेवाओं के लिए बजट शामिल है।

बता दें कि बाल देखरेख संस्थाओं में आवासित संवासियों के लिए भोजन मद में ४,००० रुपए प्रति संवासी प्रति माह की दर से तथा अन्य आवश्यकताओं जैसे वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के लिए ३,००० रुपए प्रति संवासी प्रति माह की दर से उपलब्ध कराया जाता है।

इसी प्रकार राजकीय महिला गृहों में आवासित संवासियों के लिए भोजन मद में ४,७०० रुपए प्रति संवासी प्रति माह की दर से और अन्य आवश्यकताओं जैसे पर्सनल हाइजीन आदि के लिए ८०० रुपए प्रति संवासी प्रति माह की दर से उपलब्ध कराया जाता है।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल देखरेख संस्थाओं में आवासित बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए इस नई पहल का एक और महत्वपूर्ण आयाम यह है कि राजकीय और निजी स्कूलों जैसे डीपीएस, रेयान इंटरनेशनल, स्टडी हॉल आदि में ५६१ बच्चों का नामांकन कराया गया है। साथ ही, प्रत्येक संस्थान में स्वास्थ्य जांच कराकर मेडिकल प्रोफाइलिंग भी सुनिश्चित की जा रही है।

आर्थिक सहयोग के अलावा, योगी सरकार ने भावना से जुड़ी भागीदारी को भी अहमियत दी है। योगी सरकार ने जिलाधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और उनके परिवारों से आह्वान किया है कि वे इन गृहों को “गोद लें” और त्योहारों, जन्मदिन या वर्षगांठ जैसे व्यक्तिगत अवसरों पर इन बच्चों और महिलाओं के साथ समय बिताएं, जिससे उन्हें अपनापन और आत्मविश्वास मिले।

इतना ही नहीं, प्रशासन और आमजन को इन संस्थाओं में शैक्षिक सहयोग, कौशल विकास गतिविधियां, जीवन कौशल प्रशिक्षण, शैक्षणिक सहयोग, खेलकूद, आर्ट एंड क्राफ्ट, पर्सनल हाइजीन व कैरियर काउंसलिंग और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भी प्रेरित किया गया है।

सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और तकनीकी संस्थानों से भी सहयोग लेने पर जोर दिया गया है ताकि प्रत्येक बच्चा और महिला आत्मनिर्भर और सम्मानित जीवन जी सकें। इसके अलावा प्रयागराज, हरदोई, गाजीपुर, मेरठ, मऊ और इटावा जिलों में २१९ लाख रुपए से अधिक की धनराशि लघु निर्माण कार्यों के लिए जारी की गई है, जिससे संरचनात्मक सुधार किए जा सकें।

महिला कल्याण विभाग की यह पहल प्रदेश के हजारों असहाय बच्चों और महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने वाली साबित हो रही है। महिला कल्याण से जुड़ी सभी योजनाएं अब संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और सहभागिता की त्रिसूत्रीय रणनीति से संचालित होंगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि योगी सरकार की यह पहल समाज के सबसे कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल सुरक्षा और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है, बल्कि सामाजिक जुड़ाव और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा दे रही है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

योगी सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
सरकार ने कितनी धनराशि का आवंटन किया है?
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 10.67 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
इस पहल के तहत बच्चों को कौन सी सुविधाएं मिलेंगी?
बच्चों को भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और कौशल विकास गतिविधियों का लाभ मिलेगा।
क्या आमजन इस पहल में भाग ले सकते हैं?
हाँ, आमजन को इन आश्रय गृहों का सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
इस पहल का सामाजिक प्रभाव क्या होगा?
इस पहल से असहाय बच्चों और महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता प्राप्त होगी।