क्या बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न को यूनुस ने 'निराधार' कहा?

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क्या बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न को यूनुस ने 'निराधार' कहा?

सारांश

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरों को निराधार बताया है। इस पर मानवाधिकार संगठन ने गहरी निराशा व्यक्त की है। क्या यूनुस की टिप्पणियां सही हैं? जानें इस लेख में!

Key Takeaways

  • यूनुस ने हिंदू उत्पीड़न की खबरों को निराधार बताया।
  • मानवाधिकार संगठनों ने उनकी टिप्पणियों पर गहरा गुस्सा व्यक्त किया।
  • बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के आरोप गंभीर हैं।
  • अवामी लीग ने यूनुस शासन के तहत जारी उत्पीड़न की निंदा की।
  • संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में हिंदू समुदाय के उत्पीड़न का जिक्र।

ढाका, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में एक साक्षात्कार में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरों को निराधार बताया। मानवाधिकार संगठन 'बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद' ने उनकी इस टिप्पणी पर गहरी निराशा और गुस्सा व्यक्त करते हुए इसे 'सच को नकारने' जैसा करार दिया।

यूनुस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान ग्लोबल थिंकर्स ऑर्गनाइजेशन (जीटीओ) को दिए एक साक्षात्कार में यह विवादास्पद टिप्पणी की। उन्होंने हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोपों को खारिज किया।

उनकी इस टिप्पणी पर मानवाधिकार संगठन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। एक बयान में कहा गया, "मुख्य सलाहकार की टिप्पणी के जवाब में जारी एक विरोध पत्र में, यूनिटी काउंसिल की केंद्रीय समिति ने कहा कि 13 अगस्त, 2024 को यमुना में धार्मिक और अल्पसंख्यक नेताओं के साथ बातचीत की गई थी, जिसमें हिंदू समुदाय के खिलाफ चल रही संगठित हिंसा की तस्वीर पेश की गई।"

इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र फैक्ट-फाइंडिंग मिशन की 12 फरवरी, 2025 की रिपोर्ट में भी हिंदू समुदाय सहित अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं का जिक्र किया गया है, जो कि 5 अगस्त, 2024 से शुरू हुईं और अब भी जारी हैं।

परिषद ने बताया कि 1 अक्टूबर, 2024 को अमेरिकी समाचार एजेंसी एनपीआर को दिए एक साक्षात्कार में, यूनुस ने स्वयं एक पत्रकार के प्रश्न के उत्तर में, 5 अगस्त, 2024 के बाद हिंदू समुदाय सहित अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की बात स्वीकार की थी। यह रिपोर्ट बाद में बांग्लादेशी राष्ट्रीय दैनिक प्रथम अलो में प्रकाशित हुई थी।

यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने दुनिया भर के लोगों और मानवाधिकार संगठनों में आक्रोश पैदा किया है।

हाल ही में, बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत हिंदू समुदाय पर जारी 'उत्पीड़न' और उनके धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने की कड़ी निंदा की।

अवामी लीग ने कहा, "धार्मिक अल्पसंख्यकों के घरों पर हमले, लूटपाट, आगजनी और अंधाधुंध हत्याएं बेरोकटोक जारी हैं - ये कृत्य नरसंहार के बराबर हैं। हालांकि ये अत्याचार पहले इस नाजायज, फासीवादी यूनुस शासन के संरक्षण में किए जाते थे, अब यह शासन ही हिंदू समुदाय पर हमले कर रहा है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न के आरोप गंभीर हैं। यह मुद्दा न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है। हमें इस स्थिति को समझने और इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की असल स्थिति क्या है?
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें धार्मिक स्थलों पर हमले, हिंसा और सामाजिक भेदभाव शामिल हैं।
यूनुस की टिप्पणियों का मानवाधिकार संगठनों पर क्या असर हुआ?
यूनुस की टिप्पणियों पर मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे सच को नकारने के रूप में देखा जा रहा है।