क्या अंतरिक्ष यात्री शुभांशु का अनुभव युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है? : संजय उपाध्याय

सारांश
Key Takeaways
- अंतरिक्ष यात्रा की सफलता से गर्व की अनुभूति।
- युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत।
- विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने की आवश्यकता।
- शिवाजी महाराज के किलों का यूनेस्को में शामिल होना।
- राजनीतिक मुद्दों पर स्पष्टता की आवश्यकता।
मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में ऐतिहासिक एक्सिओम मिशन-4 को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी हो रही है। इस पर भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने कहा कि शुभांशु का अनुभव युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक होगा।
भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है कि शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से सफल यात्रा कर लौट रहे हैं। विज्ञान से जुड़े हर विद्यार्थी को उनके अनुभवों को जानने की उत्सुकता है। उन्होंने जो जानकारियां अंतरिक्ष में रहते हुए संजोई हैं, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक होंगी।
उद्धव और राज ठाकरे की महात्मा गांधी पर टिप्पणी को लेकर उन्होंने कहा कि उद्धव और राज ठाकरे ने सार्वजनिक मंचों पर महात्मा गांधी को नकारा और हैरानी की बात है कि कांग्रेस फिर भी उनके साथ खड़ी है। कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जिन नेताओं ने गांधी जी के विचारों को नकारा, उनके साथ रिश्ता क्या है। यह राजनीतिक मजबूरी नहीं, बल्कि शर्मनाक स्थिति है।
वसई-विरार में उत्तर भारतीयों के साथ मारपीट व भाषा के मुद्दे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से महाराष्ट्र में भाषा और जाति के नाम पर समाज को भड़काने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। जनता राज्य सरकार के नेतृत्व में विकास और हिंदुत्व के मार्ग पर चलना चाहती है। किसी मजबूर और कमजोर को मारना, किसी भी तरह से प्रताड़ित करना उचित नहीं है। भाषा के नाम पर किसी के साथ हिंसा करना दुर्भाग्यपूर्ण है, इसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं। हम मराठी भाषा का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन इसे लेकर जो सर्कुलर पहले था, वह अब समाप्त हो चुका है, अब इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
वहीं, भाजपा विधायक ने शिवाजी महाराज के 12 किले को यूनेस्को हेरिटेज लिस्ट में शामिल किए जाने को देश के लिए गौरवशाली बताया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किले को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल किया जाना महाराष्ट्र के लिए अत्यंत गौरव की बात है। यह केंद्र और राज्य सरकार की दूरदर्शिता और सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का परिणाम है। अब पूरी दुनिया शिवाजी महाराज के युद्ध-कौशल, रणनीति और उनके विचारों को जान सकेगी।