क्या चंडीगढ़ में ग्रीन दीपावली का असर देखा गया? पिछले सालों के मुकाबले इस बार एक्यूआई बेहतर रहा!

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क्या चंडीगढ़ में ग्रीन दीपावली का असर देखा गया? पिछले सालों के मुकाबले इस बार एक्यूआई बेहतर रहा!

सारांश

चंडीगढ़ ने इस वर्ष दीपावली पर प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी दिखाई है। ग्रीन दीपावली के चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार हुआ है। जानिए कैसे नागरिकों की जागरूकता और प्रशासन के दिशा-निर्देशों ने इस बदलाव में भूमिका निभाई।

Key Takeaways

  • चंडीगढ़ में इस बार एक्यूआई में सुधार हुआ है।
  • नागरिकों ने ग्रीन दीपावली का पालन किया।
  • सरकारी दिशा-निर्देशों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद की।
  • अनुकूल मौसम ने प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोका।
  • पराली जलाने का प्रभाव सीमित रहा।

चंडीगढ़, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़, जो दीपावली के बाद सामान्यतः प्रदूषण की चपेट में आ जाती है, इस बार अपेक्षाकृत कम प्रदूषित रही। चंडीगढ़ में इस वर्ष दीपावली के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

दीपावली के अगले दिन मंगलवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एक्यूआई मॉडरेट श्रेणी में दर्ज किया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर है।

चंडीगढ़ के पर्यावरण निदेशक शौरभ कुमार ने बताया कि इस बार नागरिकों ने ग्रीन दीपावली की भावना के साथ त्योहार मनाया। लोगों ने प्रशासन द्वारा निर्धारित पटाखे जलाने के समय शाम 8 से 10 बजे का पालन किया। इससे पहले, सोमवार शाम 7:30 बजे तक एक्यूआई मॉडरेट से सैटिसफैक्टरी के बीच बना रहा। हालांकि पटाखे जलाने के दौरान एक्यूआई में वृद्धि हुई, लेकिन अनुकूल मौसम की वजह से प्रदूषण गंभीर स्तर तक नहीं पहुंचा।

2024 की तुलना में इस वर्ष में काफी सुधार दर्ज किया गया है। उदाहरण के लिए, सेक्टर 22 के निगरानी केंद्र में 2022 में एक्यूआई 320, 2023 में एक्यूआई 392 और 2024 में एक्यूआई 395 तक पहुंच गया था, जबकि इस वर्ष 2025 में अधिकतम एक्यूआई 234 रहा, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर स्थिति है।

पर्यावरण निदेशक ने पराली जलाने के कारण चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना को नकारा है। उनका मानना है कि पराली का प्रभाव सीमित रहा है और चंडीगढ़ की वायु गुणवत्ता पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ा। हालांकि, एक्यूआई के आंकड़े पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर हैं, लेकिन इसे लेकर आम नागरिकों को अंतर बहुत अधिक महसूस नहीं हुआ। इसके पीछे कारण यह हो सकता है कि मॉडरेट स्तर का भी प्रदूषण संवेदनशील लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है।

हालांकि, चंडीगढ़ ने इस बार दीपावली पर एक सकारात्मक उदाहरण पेश किया है। नागरिकों की जागरूकता, सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन और अनुकूल मौसम मिलकर वायु गुणवत्ता सुधारने में सहायक सिद्ध हुए।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि चंडीगढ़ ने प्रदूषण नियंत्रण में एक सकारात्मक मोड़ लिया है। नागरिकों की जागरूकता और प्रशासन की कठोरता ने मिलकर एक स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह उदाहरण अन्य शहरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

चंडीगढ़ में इस बार एक्यूआई में क्या सुधार हुआ है?
इस वर्ष चंडीगढ़ में अधिकतम एक्यूआई 234 रहा, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर है।
ग्रीन दीपावली का क्या अर्थ है?
ग्रीन दीपावली का अर्थ है पटाखों का कम इस्तेमाल करके प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण की रक्षा करना।
क्या पराली जलाने का प्रदूषण पर असर पड़ा?
पर्यावरण निदेशक ने बताया कि पराली का प्रभाव सीमित रहा और चंडीगढ़ की वायु गुणवत्ता पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ा।
क्या नागरिकों ने प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन किया?
हाँ, नागरिकों ने निर्धारित पटाखे जलाने के समय का पालन किया, जिससे प्रदूषण में कमी आई।
दीपावली के बाद चंडीगढ़ का एक्यूआई कैसा रहा?
एक्यूआई इस बार मॉडरेट श्रेणी में दर्ज किया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर है।