पुलिस स्मृति दिवस: क्या मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा?

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पुलिस स्मृति दिवस: क्या मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा?

सारांश

पुलिस स्मृति दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और नक्सलवाद खत्म करने के लिए सरकार की दृढ़ता का आश्वासन दिया। वे आगामी मार्च 2026 तक इस समस्या का समाधान करने के लिए आश्वस्त हैं। जानिए इस महत्वपूर्ण दिन के बारे में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
  • नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए सरकार की दृढ़ता का आश्वासन।
  • पुलिस बलों को अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जा रहा है।
  • समाज और पुलिस का संबंध आपसी समझ पर आधारित होना चाहिए।

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। यह दिवस 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हुए 10 वीर पुलिसकर्मियों की स्मृति में मनाया जाता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा और शांति बनाए रखने में पुलिस बल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "यदि आज नागरिक चैन की नींद सो पा रहे हैं, तो इसका श्रेय हमारे सतर्क सशस्त्र बलों और जागरूक पुलिसकर्मियों को जाता है। यही भरोसा हमारे देश की स्थिरता और सुरक्षा की सबसे मजबूत नींव है।"

राजनाथ सिंह ने नक्सलवाद की समस्या पर बात करते हुए कहा कि पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से इस समस्या पर निर्णायक प्रहार किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले वर्ष मार्च तक नक्सलवाद की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष कई शीर्ष नक्सलियों का सफाया किया गया है और कई उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर विकास की मुख्यधारा को अपनाया है। जिन जिलों में कभी नक्सलियों का आतंक था, वे अब शिक्षा और प्रगति के केंद्र बन रहे हैं। जो इलाके कभी लाल गलियारे के रूप में जाने जाते थे, वे अब विकास गलियारों में परिवर्तित हो गए हैं।

रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि पुलिस बलों को अब अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकों से सुसज्जित किया गया है। पुलिस बलों के पास अब उन्नत निगरानी प्रणाली, ड्रोन, आधुनिक फोरेंसिक प्रयोगशालाएं और डिजिटल पुलिसिंग जैसी क्षमताएं मौजूद हैं।

राजनाथ सिंह ने बताया कि पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं और इन संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग तभी संभव है, जब सभी सुरक्षा एजेंसियां मिलकर समन्वय के साथ कार्य करें।

उन्होंने यह भी कहा कि समाज और पुलिस एक-दूसरे के पूरक अंग हैं। पुलिस व्यवस्था तभी प्रभावी रूप से कार्य कर सकती है जब नागरिक कानून का सम्मान करें और उसकी पालना करें। जब समाज और पुलिस के बीच का संबंध आपसी समझ और सहयोग पर आधारित होता है, तब दोनों ही सशक्त बनते हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त परेड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार, गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी सहित सीएपीएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सेवानिवृत्त डीजी और पुलिस के कई अधिकारी उपस्थित रहे।

Point of View

तो सकारात्मक परिणाम संभव हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है और समाज को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

पुलिस स्मृति दिवस कब मनाया जाता है?
पुलिस स्मृति दिवस हर वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
रक्षा मंत्री ने कहा कि पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार किया जा रहा है।
क्या पुलिस बलों को आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जा रहा है?
हाँ, पुलिस बलों को अब उन्नत निगरानी प्रणाली, ड्रोन और डिजिटल पुलिसिंग जैसी आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जा रहा है।