क्या जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत की युवा शक्ति को बताया बेहद महत्वपूर्ण?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- युवा शक्ति राष्ट्र के भविष्य का निर्माण कर सकती है।
- आत्मनिर्भरता के लिए युवा ऊर्जा का उपयोग महत्वपूर्ण है।
- अनुशासन और समर्पण से ही हम आगे बढ़ सकते हैं।
- रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- युवाओं को राष्ट्र निर्माण में भागीदारी का अवसर मिलता है।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि भारत की युवा शक्ति राष्ट्र के भविष्य के निर्माण और उसकी संप्रभुता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उनका कहना है कि आज भारत एक ऐसे युग में है जहां युवा वर्ग न केवल देश का ऊर्जा स्रोत है, बल्कि परिवर्तन और आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा साधन भी है। यह बयान उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में भारतीय सेना द्वारा आयोजित यंग लीडर्स फोरम 2025 के दौरान दिया।
जनरल द्विवेदी ने बताया कि भारत की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है, जो इसे विश्व के सबसे युवा देशों में से एक बनाती है। उन्होंने इस विशाल युवा वर्ग को नवाचार, साहस और ऊर्जा का भंडार बताया।
उन्होंने कहा कि यदि इस शक्ति को अनुशासन, समर्पण और उद्देश्यपूर्ण दिशा में अग्रसरित किया जाए, तो कोई भी शक्ति भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने से रोक नहीं सकती।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि हमारे युवा अपने परिश्रम, नवाचार और राष्ट्रभक्ति से आने वाले दशक को परिभाषित करेंगे। थल सेनाध्यक्ष ने भारतीय सेना के ‘बदलाव के दशक’ पर भी अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रहा परिवर्तन का दशक सेना के संरचनात्मक सुधार, तकनीकी नवाचार और युवा सहभागिता पर केंद्रित है। उन्होंने इस दिशा में शुरू की गई कई प्रमुख पहलों का उल्लेख किया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि विभिन्न आईआईटी संस्थानों में आर्मी सेल की स्थापना की गई है ताकि रक्षा क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिले। टेक्नोलॉजी क्लस्टर का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य उद्योग और अकादमिक संस्थानों के साथ साझेदारी के माध्यम से रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
इंडियन आर्मी इंटर्नशिप प्रोग्राम (2025) के तहत देशभर के युवा इंजीनियरों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को सेना की आधुनिक तकनीकी जरूरतों और रणनीतिक दृष्टिकोण से जुड़ने का अवसर दिया जा रहा है।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ये सभी पहलें युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सीधे भागीदारी का अवसर प्रदान करती हैं।
थल सेनाध्यक्ष ने अपने संबोधन में 'ऑपरेशन सिंदूर' का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस अभियान में युवाओं की भागीदारी भारत की सैन्य उत्कृष्टता और नैतिक शक्ति का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने विश्व को यह संदेश दिया कि भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है, लेकिन अपने सिद्धांतों और संयम के मूल्यों से कभी समझौता नहीं करता।
जनरल द्विवेदी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे ‘आत्मनिर्भरता, नागरिक उत्तरदायित्व और राष्ट्रीय गौरव को अपने जीवन के मूल सिद्धांत बनाएं। भारत के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग केवल आर्थिक विकास से नहीं, बल्कि हर नागरिक के आत्मविश्वास, जिम्मेदारी और राष्ट्रप्रेम से प्रशस्त होगा।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            