क्या जेलेंस्की ने रूस के साथ क्षेत्रीय अदला-बदली पर ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज किया?

सारांश
Key Takeaways
- यूक्रेन अपनी ज़मीन नहीं देगा।
- ट्रंप का प्रस्ताव अस्वीकार।
- युद्ध समाप्ति की आवश्यकता पर जोर।
- यूरोपीय देशों का समर्थन महत्वपूर्ण।
- कूटनीतिक प्रयास जारी रहेंगे।
कीव, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यूक्रेन किसी भी स्थिति में रूस को अपनी ज़मीन नहीं सौंपेगा। यह बयान उन्होंने तब दिया, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध समाप्ति के लिए "इलाकों की अदला-बदली" का सुझाव पेश किया था। जेलेंस्की ने इस सुझाव को दृढ़ता से अस्वीकार कर दिया।
जेलेंस्की ने शनिवार को कहा, "यूक्रेन कभी भी कब्जा करने वाले को अपनी ज़मीन नहीं देगा। हम रूस को उसके किए का कोई इनाम नहीं देंगे।" उन्होंने वास्तविक और स्थायी शांति की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि लक्ष्य "हत्याओं पर विराम नहीं, बल्कि तत्काल एक वास्तविक और स्थायी शांति है।"
यह बयान उस समय आया जब यूक्रेन और यूरोप के शीर्ष अधिकारी, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस से इंग्लैंड के केंट शहर में मिले। इस बैठक में युद्ध समाप्त करने के कूटनीतिक रास्तों पर चर्चा की गई। इस बैठक में यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, फ़िनलैंड और पोलैंड जैसे प्रमुख यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
जेलेंस्की ने बैठक को सकारात्मक बताया और उम्मीद जताई कि पश्चिमी देशों का समर्थन आगे भी मिलेगा। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि फरवरी से अब तक ट्रंप प्रशासन की हर युद्धविराम पहल को यूक्रेन ने समर्थन दिया है, और आगे कहा, "मैंने किसी भी सहयोगी को युद्ध समाप्त करने की अमेरिका की क्षमता पर संदेह व्यक्त करते नहीं सुना है।"
जेलेंस्की ने ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली प्रस्तावित बैठक की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "यूक्रेन की भागीदारी के बिना लिया गया कोई भी फैसला बेकार है और कभी काम नहीं करेगा।"
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर इस मुलाकात की पुष्टि की और बताया कि यह अगले शुक्रवार अलास्का में होगी। रूसी एजेंसी 'तास' ने भी क्रेमलिन के एक अधिकारी के हवाले से इसकी पुष्टि की।
ट्रंप ने शनिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि सुरक्षा कारणों से बैठक में देरी हुई। उन्होंने आगे कहा कि "दोनों देशों की बेहतरी के लिए कुछ क्षेत्रों की अदला-बदली" पर चर्चा की जाएगी, हालांकि उन्होंने प्रस्ताव की बारीकियों के बारे में विस्तार से नहीं बताया।