क्या 2025 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है, आर्थिक और सामाजिक सुधारों के जरिए बदलाव?

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क्या 2025 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है, आर्थिक और सामाजिक सुधारों के जरिए बदलाव?

सारांश

2025 भारत के लिए एक परिवर्तनकारी वर्ष रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सुधारों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इस लेख में हम इन परिवर्तनों का विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि ये बदलाव भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रहे हैं।

Key Takeaways

  • जीएसटी 2.0 के तहत स्लैब की संख्या घटाई गई है।
  • न्यूक्लियर सेक्टर में नई संभावनाएं खुली हैं।
  • लेबर कोड में ग्रेच्युटी के लाभ को बढ़ाया गया है।
  • एमएसएमई को बढ़ने का अवसर दिया गया है।
  • इंश्योरेंस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के लिए 2025 एक खास वर्ष साबित हुआ है, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी के शासन के संदर्भ में। इस दौरान अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। यह जानकारी ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने सोमवार को साझा की।

अखिलेश मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 2025 भारत के शासन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक सुधार, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और अन्य क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन हुए हैं।

उन्होंने बताया कि 2025 में केवल क्रमिक सुधार ही नहीं किए गए, बल्कि अराजकता, जबरदस्ती या भाई-भतीजावाद के बिना दशकों की झिझक को दूर किया गया है। यह वर्ष भारत के लिए अर्थव्यवस्था, श्रम, पूंजी, भूमि और कल्याण के संचालन के तरीके में अपरिवर्तनीय बदलाव लाने का है।

मिश्रा ने विस्तार से बताया कि सरकार ने इस वर्ष जीएसटी 2.0 पेश किया है, जिसे 2017 में लागू किए गए जीएसटी 1.0 के आठ साल बाद लाया गया है।

इस सुधार के तहत जीएसटी के स्लैब की संख्या घटकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत हो गई है, जो पहले चार थे। इस दौरान सरकार ने आवश्यक वस्तुओं पर कर को शून्य कर दिया है।

इसके अलावा, सरकार ने 12 लाख रुपए तक की आय पर कर को शून्य कर दिया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ने पर यह छूट 12.75 लाख रुपए तक जा पहुँचती है।

उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने शांति बिल के माध्यम से न्यूक्लियर पैरालिसिस को समाप्त किया है। इससे भारत का न्यूक्लियर सेक्टर खुल जाएगा और देश यूके, यूएस, जापान, और चीन की तरह आगे बढ़ सकेगा।

भारत ने लेबर कोड के जरिए एक महत्वपूर्ण सुधार किया है। इससे काम करने के एक साल बाद भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही समान वेतन और गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, एमएसएमई का पुनर्वर्गीकरण एक महत्वपूर्ण सुधार है। पुरानी व्यवस्था में, भारतीय एमएसएमई को छोटा बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था, अन्यथा उन्हें लाभ खोने पड़ते थे। बजट 2025 ने इस विसंगति को दूर किया है। निवेश और कारोबार की सीमाएं बढ़ाई गई हैं। तरलता में सुधार हुआ है। ऋण प्रवाह बढ़ा है। खरीद तक पहुंच का विस्तार हुआ है।

उन्होंने आगे लिखा कि विकसित भारत - जी राम जी बिल ने मनरेगा में आने वाली बाधाओं को समाप्त किया है। इसमें 125 दिनों के रोजगार की गारंटी है और साथ ही आजीविका एवं पानी की सुरक्षा और जलवायु पर भी ध्यान दिया गया है।

एक्स्ट्रा जानकारी में, इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बेहतर उत्पाद ग्राहकों के सामने आएंगे।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम देश के विकास की दिशा में हो रहे सकारात्मक बदलावों को समझें। 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज में जो बदलाव आए हैं, वे न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

2025 में भारत में कौन से आर्थिक सुधार हुए?
2025 में जीएसटी 2.0 लागू किया गया, जिससे जीएसटी स्लैब घटकर दो हो गए हैं।
न्यूक्लियर सेक्टर में क्या बदलाव आया है?
शांति बिल के माध्यम से न्यूक्लियर पैरालिसिस समाप्त हुआ है, जिससे भारत का न्यूक्लियर सेक्टर खुल जाएगा।
लेबर कोड में क्या सुधार हुआ है?
लेबर कोड के तहत ग्रेच्युटी का लाभ एक साल बाद भी मिलेगा और समान वेतन सुनिश्चित किया जाएगा।
एमएसएमई में सुधार क्या हैं?
पुरानी व्यवस्था में सुधार कर एमएसएमई को बड़ा बनने का अवसर दिया गया है।
इंश्योरेंस सेक्टर में क्या बदलाव आया है?
इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी गई है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
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