क्या 2030 में डेटा सेंटर्स की ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी मांग दोगुनी होगी?
सारांश
Key Takeaways
- 2030 तक डेटा सेंटर की बिजली मांग दोगुनी हो सकती है।
- अमेरिका और चीन की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से अधिक होगी।
- एआई-ऑप्टिमाइज्ड सर्वर की हिस्सेदारी 2025 में 21 प्रतिशत और 2030 तक 44 प्रतिशत होगी।
- नए क्लीन पावर विकल्प जैसे ग्रीन हाइड्रोजन उभर रहे हैं।
- नेचुरल गैस शॉर्ट टर्म पावर सोर्स रहेगा।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डेटा सेंटर के लिए 2025 में बिजली की मांग में वैश्विक स्तर पर 16 प्रतिशत का उछाल आने का अनुमान है। वहीं, 2030 तक यह मांग दोगुनी देखने को मिल सकती है। यह जानकारी बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई।
गार्टनर के अनुसार, वैश्विक स्तर पर डेटा सेंटर की इलेक्ट्रिसिटी कंजप्शन 2025 में 448 टेरावाट प्रति घंटे से बढ़कर 2030 तक 980 टेरावाट प्रति घंटे तक पहुँच जाएगी।
गार्टनर में रिसर्च डायरेक्टर लिनग्लान वांग ने कहा कि पारंपरिक सर्वर और सहायक इंफ्रास्ट्रक्चर डेटा सेंटर की कुल बिजली खपत में योगदान देंगे। इसके साथ ही, तेजी से बढ़ते एआई-ऑप्टिमाइज्ड सर्वर भी डेटा सेंटर के पावर कंजप्शन को बढ़ा रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में कुल सेंटर पावर उपयोग में एआई-ऑप्टिमाइज्ड सर्वर की हिस्सेदारी 21 प्रतिशत और 2030 तक बढ़कर 44 प्रतिशत होने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2030 में डेटा सेंटर के लिए इंटीक्रिमेंटल पावर डिमांड का 64 प्रतिशत हिस्सा इन सर्वर्स द्वारा दर्शाया जाएगा।
डेटा सेंटर से बिजली की मांग में अमेरिका और चीन की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से अधिक होगी, जिसमें चीन अधिक पावर-एफिशिएंट सर्वर और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर योजना के कारण बेहतर स्थिति में होगा।
अमेरिका की डेटा सेंटर इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग 2025 में 4 प्रतिशत से बढ़कर 2030 में 7.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसके अलावा, यूरोप का बिजली उपयोग 2.7 प्रतिशत से बढ़कर 5 प्रतिशत हो जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए क्लीन ऑन-साइट पावर अल्टरनेटिव जैसे ग्रीन हाइड्रोजन, जियोथर्मल और स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर उभरना शुरू हो गए हैं और इस दशक के अंत तक डेटा सेंटर माइक्रोग्रिड के लिए एक ईंधन विकल्प बन जाएंगे।
डेटा सेंटर के लिए शॉर्ट टर्म में नेचुरल गैस मुख्य पावर स्रोत होगा।
उन्होंने कहा कि अगले 3 से 5 वर्षों में हम सोलर और विंड एनर्जी के उतार-चढ़ाव को संतुलित करने के लिए बैटरी स्टोरेज सिस्टम में तेज वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।