क्या जोहो और एप्पल में काम करने वाले एक तिहाई से अधिक भारतीय कर्मचारी टियर 3 कॉलेजों से हैं?

सारांश
Key Takeaways
- एक तिहाई भारतीय कर्मचारी टियर 3 कॉलेजों से हैं।
- कंपनियों ने स्किल-आधारित हायरिंग को अपनाया है।
- टियर 3 स्नातकों का करियर विकास कॉलेज के नाम पर निर्भर नहीं है।
- 59% टियर 3 के पूर्व छात्रों ने अपनी पढ़ाई को रिज़्यूमे पर केवल एक पंक्ति भर माना।
- गोल्डमैन सैक्स और गूगल जैसी कंपनियों में भी टियर 3 स्नातक शामिल हैं।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जोहो, एप्पल और एनवीडिया जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों में काम करने वाले एक तिहाई से अधिक भारतीय कर्मचारी देश के टियर 3 कॉलेजों से स्नातक हैं। यह जानकारी बुधवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है।
एक गुमनाम सोशल मीडिया ऐप ब्लाइंड द्वारा 1,602 भारतीय पेशेवरों पर किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, यह स्किल-आधारित हायरिंग की दिशा में बढ़ते बदलाव को दर्शाता है।
इस सर्वेक्षण में कॉलेजों को एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग के आधार पर टियर 1, टियर 2, टियर 3 और विदेशी संस्थानों में वर्गीकृत किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "पारंपरिक वित्तीय संस्थान अभी भी कॉलेज के नाम को महत्व देते हैं, जबकि प्रमुख तकनीकी कंपनियां कौशल को प्राथमिकता देती हैं। जोहो, एप्पल, एनवीडिया, एसएपी और पेपाल जैसी कंपनियों में काम करने वाले कई उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके करियर पर कॉलेज के नाम का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। सर्वेक्षण में शामिल कर्मचारियों में से औसतन 34 प्रतिशत टियर 3 से स्नातक थे।"
गोल्डमैन सैक्स, वीज़ा, एटलसियन, ओरेकल और गूगल जैसी पारंपरिक वित्तीय और तकनीकी कंपनियाँ कैंपस भर्ती पर निर्भर रहीं, जहाँ औसतन 18 प्रतिशत उत्तरदाता टियर 3 स्नातक थे।
59 प्रतिशत टियर 3 के पूर्व छात्र और 45 प्रतिशत विदेशी स्नातक अपनी कॉलेज की पढ़ाई को अपने रिज़्यूमे पर केवल एक पंक्ति भर मानते थे, जबकि टियर 1 और टियर 2 के अधिकांश पूर्व छात्रों ने अपने करियर के विकास का श्रेय कैंपस भर्ती को दिया।
टियर 3 के लगभग 15 प्रतिशत पूर्व छात्रों ने कहा कि उनकी शिक्षा का महत्वपूर्ण प्रभाव उनकी सैलरी पर रहा, जबकि 74 प्रतिशत ने कहा कि यह केवल प्रारंभिक चरणों में ही सहायक रहा।
लगभग 53 प्रतिशत विदेशी स्नातकों ने बताया कि कॉलेज का उनकी कमाई पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
ब्लाइंड ने बताया कि सर्वेक्षण में शामिल 41 प्रतिशत पेशेवरों ने टियर 1 कॉलेजों जैसे आईआईटी, आईआईएससी, टॉप आईआईएम, बिट्स पिलानी आदि से स्नातक किया है। वहीं 30 प्रतिशत पेशेवरों ने टियर 2 कॉलेजों से, 25 प्रतिशत ने टियर 3 और 4 प्रतिशत पेशेवरों ने विदेशी संस्थानों से स्नातक की है।