क्या भारत-मलेशिया की सेनाओं ने उन्नत सामरिक युद्धाभ्यास शुरू किया?
सारांश
Key Takeaways
- हरिमाऊ शक्ति 2025 का उद्देश्य युद्ध क्षमताओं को बढ़ाना है।
- दोनों सेनाएं सामरिक दक्षता को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।
- हेलीकॉप्टर इन्सर्शन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- संयुक्त पैट्रोलिंग रिहर्सल्स से समन्वय बढ़ रहा है।
- अभ्यास से आपसी विश्वास और सहयोग को मजबूती मिल रही है।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और मलेशिया के बीच आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास हरिमाऊ शक्ति 2025 ने अपने उच्च-तीव्रता प्रशिक्षण चरण में कदम रख लिया है। इस चरण में, दोनों देशों की सेनाओं ने उन्नत सामरिक युद्धाभ्यास आरंभ किया है। साथ ही, हेलीबोर्न इन्सर्शन तकनीक और वास्तविक युद्ध परिस्थितियों के अनुरूप अभ्यास भी चल रहे हैं।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना और मलेशियाई सशस्त्र बलों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी, ऑपरेशनल समन्वय और संयुक्त युद्ध क्षमता को और अधिक मजबूत करना है।
सेना के अनुसार, इस चरण में सैनिकों को काउंटर-इंसर्जेन्सी और काउंटर-टेररिज्म से संबंधित नवीनतम सिद्धांतों से अवगत कराया गया। इसके बाद, पैट्रोलिंग तकनीकों पर एक विस्तृत व्याख्यान-सह-प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें आधुनिक अभियानों में गश्त की भूमिका और उसकी चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई। अभ्यास के दौरान, भारत और मलेशिया के सैनिकों की मिश्रित टुकड़ियों ने संयुक्त पैट्रोलिंग रिहर्सल्स का कार्यान्वयन किया। इन अभ्यासों का उद्देश्य समन्वय बढ़ाना, परिस्थितिजन्य प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना और अनुकरणीय ऑपरेशनल परिस्थितियों में मिशन योजना को अधिक प्रभावी बनाना है। इसके साथ ही, बदलती परिस्थितियों में त्वरित निर्णय-क्षमता और ऑपरेशनल एकजुटता को बेहतर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
छोटे दस्तों की आक्रामक क्षमता बढ़ाने के लिए घात सिद्धांतों पर सत्र आयोजित किए गए, जिनमें व्यावहारिक प्रदर्शन भी शामिल था। इसके अतिरिक्त, एक सुव्यवस्थित कमांड पोस्ट एक्सरसाइज का आयोजन किया गया, जिसने रणनीतिक योजना, युद्धक्षेत्र प्रबंधन और कमांड एंड कंट्रोल कौशल को मजबूती प्रदान की है। अभ्यास में हेलीकॉप्टर स्लिदरिंग ड्रिल्स भी शामिल थीं।
इसमें सेना के जवान जटिल इलाकों में चलते हुए हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे नीचे उतरे और दुश्मन पर काबू पाया। हेलीकॉप्टर से जुड़े इस युद्धाभ्यास में घने और सीमित भू-भाग में संचालन के लिए आवश्यक हेलीबोर्न इन्सर्शन तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। इन अभ्यासों ने प्रशिक्षण को अधिक यथार्थवादी और अभियान-उपयोगी बना दिया। घात अभ्यास, स्लिदरिंग प्रदर्शन, लाइव फायरिंग, और सुचारु संयुक्त पैट्रोलिंग जैसे प्रगतिशील मॉड्यूल्स यहाँ आयोजित किए जा रहे हैं।
इनके माध्यम से हरिमाऊ शक्ति 2025 लगातार सामरिक दक्षता, आधुनिक युद्ध के अनुकूलन और संयुक्त युद्ध तत्परता को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।
सेना के अनुसार, यह अभ्यास न केवल भारत–मलेशिया रक्षा सहयोग की बढ़ती मजबूती को दर्शाता है, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास, सहयोग और रणनीतिक साझेदारी का भी सशक्त प्रमाण है।