क्या कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मंजूरी दी?

सारांश
Key Takeaways
- पुणे मेट्रो रेल परियोजना का दूसरा चरण शहर की आर्थिक वृद्धि में सहायक होगा।
- यह परियोजना 12.75 किलोमीटर लंबी होगी और 13 स्टेशन शामिल होंगे।
- यात्रियों की संख्या में वृद्धि का अनुमान है।
- सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल गतिशीलता विकल्प प्रदान करेगा।
- महानगरीय क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देगा।
नई दिल्ली, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण के लिए मंजूरी दी है, जिसमें वनाज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी) शामिल हैं। यह चरण-1 के अधीन मौजूदा वनाज-रामवाड़ी कॉरिडोर का विस्तार है।
यह रणनीतिक विस्तार पुणे की आर्थिक क्षमता को उजागर करेगा और शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह महानगरीय क्षेत्र में सतत और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगा।
इन दो एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई 12.75 किलोमीटर होगी और इसमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे। इस परियोजना को चार साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लॉन्ग-टर्म मोबिलिटी प्लानिंग के तहत, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों से इंटरसिटी बस सेवाओं को चांदनी चौक में इंटीग्रेट किया जाएगा, जबकि अहिल्या नगर और छत्रपति संभाजी नगर, वाघोली में कनेक्ट होंगे। ये विस्तार पौड रोड और नगर रोड जैसे मुख्य मार्गों पर भीड़भाड़ कम करने में सहायक होंगे, जिससे सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल गतिशीलता विकल्प उपलब्ध होंगे।
ये विस्तार प्रमुख आईटी हब, वाणिज्यिक क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और आवासीय क्षेत्रों को सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे पूरे नेटवर्क में सार्वजनिक परिवहन और यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। नए गलियारे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट इंटरचेंज स्टेशन को लाइन-1 (निगडी-कात्रज) और लाइन-3 (हिंजेवाड़ी-डिस्ट्रिक्ट कोर्ट) के साथ इंटीग्रेट करेंगे।
इन गलियारों के पूरा होने के बाद, पूर्ण लाइन 2 के लिए अनुमानित दैनिक वृद्धिशील यात्रियों की संख्या 2027 में 0.96 लाख, 2037 में 2.01 लाख, 2047 में 2.87 लाख और 2057 में 3.49 लाख होने का अनुमान है।
इस परियोजना को महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा, जो सभी सिविल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल और संबंधित कार्यों को एग्जीक्यूट करेगा।