क्या अमेरिकी टैरिफ बेअसर हैं? ग्लोबल एजेंसियों ने भारत का जीडीपी वृद्धि दर अनुमान बढ़ाया

सारांश
Key Takeaways
- भारत की GDP वृद्धि दर में सुधार हो रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वृद्धि दर को 6.6 प्रतिशत तक बढ़ाया।
- सुधारों से घरेलू मांग में वृद्धि की उम्मीद है।
- अमेरिकी रेटिंग एजेंसियों ने भी सकारात्मक संकेत दिए हैं।
- आरबीआई ने भी अपने पूर्वानुमान में वृद्धि की है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक अस्थिरता और यूएस टैरिफ के प्रभावों के बावजूद, दुनिया की प्रमुख एजेंसियां भारत के जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को बढ़ा रही हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
भारतीय जीडीपी के अनुमान में हालिया वृद्धि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा की गई है। इस ग्लोबल एजेंसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 6.6 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 6.4 प्रतिशत था।
आईएमएफ ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में कहा है कि वृद्धि दर में यह इजाफा पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन के कारण हुआ है।
वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में, भारत ने एक वर्ष में सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज की, जिसमें मजबूत निजी खपत के कारण जीडीपी विकास दर 7.8 प्रतिशत रही।
सरकार द्वारा किए गए व्यापक जीएसटी सुधारों और उपभोक्ता वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर दरों में कटौती से घरेलू मांग में तेजी आने की उम्मीद है। इससे अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के कारण भारतीय वस्तुओं की बाहरी मांग पर पड़े नकारात्मक प्रभाव की भरपाई होने की संभावना है।
पिछले महीने, अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने वित्त वर्ष 26 के लिए अपने पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत किया।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच मजबूती के साथ प्रदर्शन कर रहा है और अगले तीन वर्षों में देश 6 प्रतिशत से ऊपर की विकास दर बनाए रखने में सक्षम रहेगा।
एसएंडपी ने भी कहा कि मजबूत घरेलू मांग, जीएसटी सुधार और आयकर में बदलाव के कारण भारत की जीडीपी ग्रोथ इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है।
आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही, इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।