क्या दिल्ली में दीपावली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति स्वागतयोग्य कदम है?

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क्या दिल्ली में दीपावली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति स्वागतयोग्य कदम है?

सारांश

दिल्ली में दीपावली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का बयान। उन्होंने इसे दिल्लीवासियों की सही पसंद बताया और पूर्ववर्ती सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रीन पटाखों से पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और परंपराओं का संतुलन बनाने की अपील की गई है।

Key Takeaways

  • दिल्ली में ग्रीन पटाखों की अनुमति से प्रदूषण में कमी आएगी।
  • पूर्ववर्ती सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं।
  • पर्यावरण और संस्कृति के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
  • दिल्लीवासियों को ग्रीन पटाखों का ही उपयोग करना चाहिए।
  • सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली में दीपावली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति देने के निर्णय का स्वागत किया है।

उन्होंने इसे दिल्ली की सनातन प्रेमी सरकार की सफलता बताया और कहा कि यह निर्णय दिल्लीवासियों के सही मतदान का परिणाम है।

वीरेंद्र सचदेवा ने पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल सरकार पर हिंदू विरोधी दृष्टिकोण अपनाने और जानबूझकर गलत आंकड़े प्रस्तुत करने का आरोप लगाया, जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों से सर्वोच्च न्यायालय ने दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से यह दावा करती रही है कि दीपावली की एक रात में जलाए जाने वाले पटाखे दिल्ली में सर्दियों के प्रदूषण का मुख्य कारण नहीं हैं। प्रदूषण के लिए कई अन्य बड़े कारक जिम्मेदार हैं, जैसे औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों का धुआं और पराली जलाना। हालांकि, पूर्ववर्ती केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर पटाखों को प्रदूषण का मुख्य दोषी ठहराया और ऐसे आंकड़े प्रस्तुत किए, जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय को प्रभावित किया। इस कारण से पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली में दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा रहा।

उन्होंने कहा, “दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकार, विशेष रूप से अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी गोपाल राय, लेफ्ट राजनीति के प्रतीक रहे हैं। उनकी नीतियां हिंदू विरोधी थीं और उन्होंने जानबूझकर गलत आंकड़े प्रस्तुत किए, जिससे सनातनियों के सबसे बड़े त्योहार दीपावली पर पटाखों की परंपरा प्रभावित हुई।”

वीरेंद्र सचदेवा ने जोर देकर कहा कि इस वर्ष दिल्ली में सनातन प्रेमी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष वास्तविक स्थिति प्रस्तुत की और ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति प्राप्त की। मैं दिल्ली की जनता को बधाई देता हूं। यह सनातनी संस्कृति और परंपराओं के सम्मान का प्रतीक है।

उन्होंने ग्रीन पटाखों के उपयोग को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और सांस्कृतिक परंपराओं के बीच संतुलन का एक कदम बताया। उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे केवल ग्रीन पटाखों का उपयोग करें और सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।

उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल सांस्कृतिक गौरव की रक्षा करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए वैज्ञानिक और तार्किक उपाय अपनाए जाएं। मैं केंद्र और दिल्ली सरकार से आग्रह करता हूं कि वे भविष्य में भी ऐसी नीतियां बनाएं, जो सांस्कृतिक परंपराओं और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखें।

Point of View

सभी को पर्यावरण का ध्यान रखते हुए ग्रीन पटाखों का उपयोग करना चाहिए। यह संतुलन बनाना आवश्यक है ताकि हमारी धरोहर और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रहें।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में ग्रीन पटाखों का उपयोग कब से शुरू होगा?
दिल्ली में ग्रीन पटाखों का उपयोग दीपावली पर अनुमति मिलने के बाद से शुरू होगा।
ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?
ग्रीन पटाखे ऐसे पटाखे हैं जो कम प्रदूषण पैदा करते हैं और पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं।
क्या ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल से प्रदूषण कम होगा?
जी हां, ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल से प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है।
इस निर्णय का दिल्लीवासियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस निर्णय से दिल्लीवासी अपनी परंपराओं का पालन कर सकेंगे और साथ ही प्रदूषण को भी नियंत्रित कर सकेंगे।
क्या ग्रीन पटाखे महंगे होते हैं?
ग्रीन पटाखों की कीमत सामान्य पटाखों के समान होती है, लेकिन यह पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल हैं।