क्या भारत-ब्राजील रक्षा साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुँच रही है? राजनाथ सिंह की ब्राजील के शीर्ष नेताओं से वार्ता

सारांश
Key Takeaways
- भारत और ब्राजील के बीच रक्षा संबंधों में प्रगति हुई है।
- संयुक्त अभ्यासों और प्रशिक्षण यात्राओं से सहयोग बढ़ेगा।
- पूर्व सैनिकों के लिए वित्तीय सहायता में वृद्धि की गई है।
- सह-विकास और सह-उत्पादन के नए अवसरों की पहचान की गई है।
- इस साझेदारी से भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत होगी।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन से मुलाकात की। इस बैठक में ब्राजील के रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेइरो फिल्हो भी मौजूद थे।
नेताओं ने चल रही रक्षा संबंधी गतिविधियों की प्रगति का मूल्यांकन किया और रक्षा उपकरणों के सह-विकास एवं सह-उत्पादन के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया।
भारत और ब्राजील के बीच एक गहरी रणनीतिक साझेदारी है। दोनों नेताओं ने संयुक्त अभ्यासों, प्रशिक्षण यात्राओं एवं सैन्य आदान-प्रदान को प्रगाढ़ बनाकर रक्षा सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किया।
रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन और रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेइरो फिल्हो से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने चल रही रक्षा पहलों की समीक्षा की, रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की, और संयुक्त अभ्यासों, प्रशिक्षण यात्राओं और रणनीतिक आदान-प्रदान के माध्यम से सैन्य-से-सैन्य सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे भारत-ब्राजील साझेदारी और मजबूत होगी।"
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए चल रही वित्तीय सहायता योजनाओं में 100 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये योजनाएं पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से लागू की जाती हैं।
नई दरों के तहत अब अनुदान 4,000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 8,000 रुपए प्रति माह प्रति लाभार्थी कर दिया गया है। यह सहायता उन 65 वर्ष से अधिक आयु वाले पूर्व सैनिकों की विधवाओं और आश्रितों को आजीवन दी जाएगी, जिनकी कोई नियमित आय नहीं है और जो गैर-पेंशनभोगी हैं।