क्या भविष्य निधि से 100 प्रतिशत पैसा निकालना संभव है? ईपीएफओ ने 75 प्रतिशत की सीमा को किया खारिज

सारांश
Key Takeaways
- 100 प्रतिशत राशि की निकासी की अनुमति
- पहले की 5-7 वर्ष की सीमा समाप्त
- बिना दस्तावेजी प्रक्रिया के निकासी
- नौकरी छोड़ने के बाद तुरंत 75 प्रतिशत निकासी
- विशेष परिस्थितियों में 2 बार निकासी की अनुमति
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बुधवार को यह स्पष्ट किया कि कर्मचारी अपनी भविष्य निधि से 100 प्रतिशत राशि निकालने में सक्षम होंगे। इसने उन दावों को भी खारिज किया जिनमें निकासी पर 75 प्रतिशत की सीमा होने का उल्लेख किया गया था।
ईपीएफओ ने इस नियम की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जब कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है, तो वह तुरंत 75 प्रतिशत राशि निकाल सकता है और एक साल के बेरोजगारी के बाद पूरी राशि की निकासी कर सकता है।
इसके अलावा, ईपीएफओ ने यह भी बताया कि कर्मचारी अब शादी और अन्य जरूरतों के लिए एक-एक साल के अंतराल पर भविष्य निधि से राशि निकाल सकेंगे। पहले यह सीमा 5-7 वर्ष थी।
ईपीएफओ ने यह स्पष्ट किया कि पहले 13 अलग-अलग कैटेगरी और अनगिनत नियम थे, जिसके कारण दावों का रिजेक्शन होता था। अब इन सभी नियमों को सरल बनाकर एक यूनिफॉर्म प्रावधान स्थापित किया गया है, जिससे बिना किसी दस्तावेजी प्रक्रिया के पैसे आसानी से निकाले जा सकते हैं।
सरकारी एजेंसी ने कहा कि बार-बार निकासी करने से सेवा में ब्रेक आता है, जिससे कई पेंशन के मामले अस्वीकृत हो जाते थे। इससे फाइनल सेटलमेंट के समय कर्मचारी की राशि कम हो जाती थी।
नए नियम इस बात की गारंटी देंगे कि कर्मचारी की सेवा नियमित बनी रहे और फाइनल पीएफ सेटमेंट के समय राशि अधिक रहे, जिससे किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
ईपीएफओ ने कहा कि शिक्षा या बेरोजगारी के लिए निकासी की सीमा को भी लचीला बनाया गया है, और विशेष परिस्थितियों में साल में 2 बार बिना किसी सवाल के पूरी राशि की निकासी की जा सकेगी।