क्या भारत पर अमेरिकी टैरिफ भेदभावपूर्ण है? जीके पिल्लई का कहना

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क्या भारत पर अमेरिकी टैरिफ भेदभावपूर्ण है? जीके पिल्लई का कहना

सारांश

भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के पूर्व सचिव जीके पिल्लई ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को भेदभावपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका की लीडरशीप पर विश्वास कम हुआ है। भारत में निर्यातक इस टैरिफ से प्रभावित होंगे, और सरकार इसके प्रभावों से निपटने के लिए तैयार है।

Key Takeaways

  • अमेरिकी टैरिफ भारत के 55 प्रतिशत निर्यात पर लागू होंगे।
  • लग्जरी बाजार मजबूत है, जो निर्यातकों को मदद कर सकता है।
  • सरकार उच्च शुल्क से प्रभावित व्यवसायों को वित्तीय सहायता देने पर विचार कर रही है।
  • नए बाजारों में निर्यात बढ़ाने के लिए मंत्रालय बैठक करेगा।
  • निर्यात संवर्द्धन मिशन को तेजी से लागू किया जाएगा।

नई दिल्ली, 28 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वाणिज्य मंत्रालय के पूर्व सचिव जीके पिल्लई ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर लगाया गया टैरिफ भेदभावपूर्ण है और इससे अमेरिकी लीडरशीप पर देश का विश्वास काफी कम हुआ है।

पिल्लई ने आगे कहा कि रूस के साथ व्यापार तो यूरोप, चीन और अमेरिका स्वयं कर रहा है, लेकिन केवल भारत पर टैरिफ लगाना अनुचित है।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए पिल्लई ने कहा, अमेरिकी टैरिफ भारत के 55 प्रतिशत निर्यात पर लागू होंगे और निर्यातक इसे प्रभाव को कम करने के प्रयास कर रहे हैं। इनका सबसे अधिक असर टेक्सटाइल, केमिकल, ज्वेलरी और सीफूड इंडस्ट्री पर होगा।

उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल इनके प्रभाव का आकलन करना मुश्किल है। इसके प्रभाव के बारे में एक-दो महीने बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

पिल्लई ने बताया कि देश का घरेलू बाजार बड़ा है। लग्जरी बाजार भी मजबूत बना हुआ है। ऐसे में निर्यातक घरेलू बाजार में सामान बेचकर अपना नुकसान कम कर सकते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार से भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, अमेरिका को भारत के फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को टैरिफ से बाहर रखा गया है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार वस्त्र, चमड़ा, रत्न और आभूषण जैसे प्रमुख उत्पादों के निर्यात को अन्य देशों में बढ़ाने के लिए निर्यातकों से सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है। उच्च शुल्क से प्रभावित व्यवसायों को वित्तीय सहायता देने पर भी विचार किया जा रहा है।

इस सप्ताह वाणिज्य मंत्रालय रसायन, रत्न एवं आभूषण सहित कई क्षेत्रों के निर्यातकों से बैठक करेगा ताकि नए बाजारों में निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार किया जा सके। मंत्रालय बजट 2025-26 में घोषित "निर्यात संवर्द्धन मिशन" को भी तेजी से लागू करने की दिशा में काम कर रहा है।

एक अधिकारी ने बताया, "अगले 2-3 दिनों में मंत्रालय निर्यात विविधीकरण को लेकर हितधारकों के साथ बैठक करेगा।"

Point of View

लेकिन घरेलू बाजार में अवसरों को पहचानना और उन्हें भुनाना महत्वपूर्ण है। सरकार को निर्यातकों के साथ मिलकर नए बाजारों की खोज करनी चाहिए।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर भारत के निर्यात पर पड़ेगा, विशेष रूप से टेक्सटाइल, केमिकल, ज्वेलरी और सीफूड इंडस्ट्री पर।
क्या भारत के निर्यातक इस स्थिति में अपने नुकसान को कम कर सकते हैं?
हाँ, भारत के निर्यातक घरेलू बाजार में अपने उत्पादों को बेचकर नुकसान को कम कर सकते हैं।
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