क्या अगस्त में एवरेज डेली यूपीआई ट्रांजैक्शन 90,446 करोड़ रुपए तक पहुंचा? एसबीआई बना शीर्ष प्रेषक

सारांश
Key Takeaways
- अगस्त में यूपीआई ट्रांजैक्शन 90,446 करोड़ रुपए तक पहुंचा।
- एसबीआई ने 5.2 अरब ट्रांजैक्शन किए।
- महाराष्ट्र ने 9.8% हिस्सेदारी के साथ अग्रणी भूमिका निभाई।
- पी2एम ट्रांजैक्शन में हिस्सेदारी बढ़कर 29% हो गई।
- डिजिटल भुगतान में वित्तीय समावेशन की वृद्धि हो रही है।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यूपीआई ट्रांजैक्शन में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। इस वर्ष जनवरी में 75,743 करोड़ रुपए से बढ़कर अगस्त में 90,446 करोड़ रुपए का औसत दैनिक मूल्य रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें एसबीआई ने 5.2 अरब ट्रांजैक्शन के साथ शीर्ष प्रेषक की भूमिका निभाई। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, जुलाई में महाराष्ट्र ने 9.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ डिजिटल भुगतान में प्रमुखता हासिल की, इसके बाद कर्नाटक 5.5 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश 5.3 प्रतिशत के साथ रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है, "कुल मूल्य ट्रांजैक्शन में पीयर-टू-मर्चेंट (पी2एम) ट्रांजैक्शन की हिस्सेदारी जून 2020 में 13 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2025 में 29 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि में, मात्रा के हिसाब से हिस्सेदारी 39 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गई है, जो डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।"
यूपीआई के नेतृत्व में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहे हैं, जो कैश इन सर्कुलेशन (सीआईसी) की संख्या से अधिक हैं।
अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान, मासिक औसत यूपीआई ट्रांजैक्शन 24,554 अरब रुपए है, जबकि सीआईसी की मासिक औसत वृद्धि 193 अरब रुपए है।
पैसे की खुदरा मांग (डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर यूपीआई और एटीएम निकासी) में, मूल्य में यूपीआई की हिस्सेदारी नवंबर 2019 में 40 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी 2021 में 62 प्रतिशत और मई 2025 में 91 प्रतिशत हो गई है। यह दर्शाता है कि लोग नकद के बजाय यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं।
लगभग 300 प्रमुख मर्चेंट कैटेगरी कोड (एमसीसी) हैं और एनपीसीआई ने 29 प्रमुख एमसीसी के साथ शुरुआत की है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "एनपीसीआई ने सराहनीय कार्य किया है, लेकिन हमारा मानना है कि एनपीसीआई को कम से कम 100 प्रमुख एमसीसी का डेटा प्रदान करना चाहिए।"
जुलाई 2025 में शीर्ष 15 मर्चेंट कैटेगरी का लेनदेन मात्रा के हिसाब से 70 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 47 प्रतिशत रहा।
किराने का सामान ट्रांजैक्शन का 24.3 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 8.8 प्रतिशत रहा, जबकि डेट कलेक्शन एजेंसी की श्रेणी मूल्य के हिसाब से 12.8 प्रतिशत और मात्रा के हिसाब से केवल 1.3 प्रतिशत रही।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "डेट कलेक्शन एजेंसी का ट्रांजैक्शन अप्रैल 2025 के 80,789 करोड़ रुपए से बढ़कर जुलाई 2025 में 93,857 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि टिकट का आकार 5,952 करोड़ रुपए से घटकर 5,817 करोड़ रुपए हो गया है।"