क्या बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली दुनिया के टॉप 15 प्राइम रेजिडेंशियल मार्केट में शामिल हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु ने चौथा स्थान प्राप्त किया।
- मुंबई और दिल्ली क्रमशः छठे और पंद्रहवें स्थान पर हैं।
- भारतीय बाजारों में स्थिरता बनी हुई है।
- आर्थिक स्थिरता और शहरी पुनर्विकास की उम्मीद है।
- वैश्विक स्तर पर सियोल शीर्ष पर है।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रमुख आवासीय बाजारों ने कई वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली 46 शीर्ष वैश्विक शहरों में से टॉप 15 में स्थान बना चुके हैं।
नाइट एंड फ्रैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रमुख आवासीय बाजारों की कीमतों में वैश्विक स्तर पर गिरावट के बावजूद, भारतीय शहरों में स्थिरता बनी हुई है। यह मजबूत मांग, सीमित प्रमुख आपूर्ति और शहरी केंद्रों में निरंतर धन सृजन का संकेत है।
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली की वार्षिक वृद्धि दर क्रमशः 10.2 प्रतिशत, 8.7 प्रतिशत और 3.9 प्रतिशत है।
बेंगलुरु ने वैश्विक स्तर पर चौथा स्थान प्राप्त किया, जबकि मुंबई और दिल्ली क्रमशः छठे और पंद्रहवें स्थान पर रहे।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, "भारत के प्रमुख आवासीय बाजारों ने महत्वपूर्ण प्रगति और मजबूती दिखाई है। बेंगलुरु का टेक ड्रिवन वेल्थ क्रिएशन, मुंबई का नया इंफ्रास्ट्रक्चर-आधारित आकर्षण और दिल्ली की स्थिर लग्जरी मांग ने भारत को वैश्विक स्पॉटलाइट में बनाए रखा है।"
बैजल ने आगे कहा कि हमारा अनुमान है कि निरंतर आर्थिक स्थिरता, शहरी पुनर्विकास और प्रमुख संपत्तियों की दीर्घकालिक लोकप्रियता आने वाले महीनों में मूल्य वृद्धि को बढ़ावा देगी।
वैश्विक स्तर पर, सियोल ने 25.2 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ शीर्ष पर स्थान बनाया, उसके बाद टोक्यो का 16.3 प्रतिशत और दुबई का 15.8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ स्थान रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, दुबई 15.8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि, मनीला 9.1 प्रतिशत, बैंकॉक 7.1 प्रतिशत, मैड्रिड 6.4 प्रतिशत और नैरोबी 5.6 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ टॉप 15 में शामिल अन्य बढ़ते आवासीय बाजार हैं।
नाइट फ्रैंक के ग्लोबल रिसर्च हेड लियाम बेली ने कहा, "प्रमुख बाजार सामूहिक रूप से राहत की सांस ले रहे हैं। हाल की तिमाहियों में हमने जो सुधार देखा है, वह कम उधारी लागत की उम्मीद से प्रेरित था।"