क्या कॉर्पोरेट जगत को उम्मीद है कि भारत और अमेरिका टैरिफ पर बातचीत से समझौता होगा?

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क्या कॉर्पोरेट जगत को उम्मीद है कि भारत और अमेरिका टैरिफ पर बातचीत से समझौता होगा?

सारांश

नई दिल्ली में कॉर्पोरेट जगत को उम्मीद है कि भारत और अमेरिका टैरिफ पर बातचीत के जरिए एक समझौता हो सकता है। प्रमुख उद्योग लीडर्स ने अमेरिकी प्रशासन के फैसले से जुड़ी संभावनाओं पर चर्चा की है। क्या यह समझौता देश की आर्थिक स्थिरता में मदद करेगा?

Key Takeaways

  • भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वार्ता से समझौते की संभावना।
  • कॉर्पोरेट जगत की दीर्घकालिक विकास की कहानी।
  • टैरिफ 50 प्रतिशत पर बना रहने से कपड़ा और एमएसएमई पर दबाव।
  • सरकार द्वारा लक्षित उपायों की उम्मीद।
  • उपभोक्ता वस्तुओं में मांग में सुधार के संकेत।

नई दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ संबंधी बातचीत से कॉर्पोरेट जगत को आशा है कि एक समझौता संभव हो सकेगा।

फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर एमके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन के निर्णय का प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, और भारत से अमेरिकी आयात पर टैरिफ दरें कम होंगी।

कॉर्पोरेट हितधारकों का मानना है कि 21 दिनों की ऑफ-रैंप अवधि के दौरान भारत और अमेरिका के बीच बातचीत से समझौता होना चाहिए, क्योंकि अमेरिकी बाजार में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए वैकल्पिक योजनाएं हैं, जिनमें उत्पादन को अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में स्थानांतरित करना शामिल है।

वक्ताओं ने भारत की दीर्घकालिक विकास की कहानी पर जोर दिया।

डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने वैल्यू चेन में आगे बढ़ने और विकास की गति बनाए रखने की महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित किया।

कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई ने बताया कि सीबीसी की पहल सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में दक्षता बढ़ा रही है।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि टैरिफ 50 प्रतिशत पर बना रहता है, तो कपड़ा और एमएसएमई निर्यातकों पर दबाव पड़ सकता है।

वक्ताओं का मानना है कि सरकार इस प्रभाव को कम करने के लिए लक्षित उपाय करेगी, जिसमें संभावित ऋण गारंटी योजना भी शामिल है।

भारत के घरेलू बाजार के लिए भावना सकारात्मक बनी हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता वस्तुओं से लेकर विवेकाधीन श्रेणियों तक के प्रबंधन ने मांग में सुधार के संकेत दिए हैं और त्योहारी सीजन और वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही के लिए तैयारी कर रहे हैं।

ऋणदाताओं ने इस दृष्टिकोण का समर्थन किया है और वित्त वर्ष 26 के अंत तक खुदरा क्षेत्रों में मजबूत ऋण वृद्धि का अनुमान लगाया है, जबकि कॉर्पोरेट ऋण को बॉंड बाजार से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

इस बीच, सरकार भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर चर्चा कर रही है, जिसका उद्देश्य टैरिफ स्थिरता और दीर्घकालिक व्यापार पूर्वानुमान के माध्यम से व्यापार और निवेश का विस्तार करना है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वार्ता हमारे व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बना सकती है। इस समय, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है, ऐसे समझौते से दोनों देशों के लिए लाभ हो सकता है।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वार्ता का क्या महत्व है?
यह वार्ता व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाने और निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
क्या कॉर्पोरेट जगत इस वार्ता से प्रभावित होगा?
हाँ, टैरिफ में कमी से कॉर्पोरेट जगत को लाभ होगा और यह उनके विकास की गति को बनाए रखने में मदद करेगा।