क्या भारत और इजरायल के बीच हुआ द्विपक्षीय निवेश समझौता व्यापार को बढ़ावा देगा?

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क्या भारत और इजरायल के बीच हुआ द्विपक्षीय निवेश समझौता व्यापार को बढ़ावा देगा?

सारांश

भारत और इजरायल ने एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो न केवल निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को भी मजबूत करेगा। इस ऐतिहासिक समझौते के पीछे महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर छिपे हैं।

Key Takeaways

  • भारत और इजरायल के बीच एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौता हुआ।
  • इस समझौते का उद्देश्य पारस्परिक निवेश को मजबूत करना है।
  • इजरायल ने भारत के नए मॉडल संधि ढांचे के तहत पहले ओईसीडी सदस्य देश के रूप में हस्ताक्षर किए।
  • इस समझौते से दोनों देशों के व्यापार को नया आयाम मिलेगा।
  • भारत से इजराइल को प्रमुख निर्यात वस्तुएं की सूची में मोती और कीमती पत्थर शामिल हैं।

नई दिल्ली, ८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और इजराइल ने सोमवार को एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य पारस्परिक निवेश को सुदृढ़ करना और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों का विस्तार करना है।

यह समझौता राष्ट्रीय राजधानी में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजरायल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच द्वारा किया गया है।

इस समझौते के साथ, इजराइल भारत के नए मॉडल संधि ढांचे के तहत निवेश समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) सदस्य देश बन गया है। इससे पहले, भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और उज्बेकिस्तान के साथ भी ऐसे समझौते किए हैं।

इजरायल के वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने इस समझौते को लेकर कहा, "यह एक रणनीतिक कदम है जो इजराइली और भारतीय निवेशकों के लिए नए द्वार खोलेगा, इजराइली निर्यात को मजबूती प्रदान करेगा और दोनों पक्षों के व्यवसायों को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में विकास के लिए निश्चितता और साधन उपलब्ध कराएगा।" उन्होंने यह भी जोड़ा, "भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है और इसके साथ सहयोग इजराइल के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।"

इजरायली मीडिया के अनुसार, स्मोट्रिच एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रविवार रात भारत के लिए रवाना हुआ। इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्रालय के मुख्य अर्थशास्त्री शमूएल अब्रामजोन, महालेखाकार याली रोथेनबर्ग और महानिदेशक इलान रोम भी शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष २०२४-२५ में भारत-इजरायल के बीच (डिफेंस को छोड़कर) ३.७५ अरब डॉलर का व्यापार हुआ था।

भारत से इजराइल को प्रमुख निर्यातों में मोती और कीमती पत्थर, ऑटोमोटिव डीजल, रासायनिक और खनिज उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, प्लास्टिक, कपड़ा और परिधान उत्पाद, धातु, परिवहन उपकरण और कृषि उत्पाद शामिल हैं।

वहीं, इजराइल से भारत को प्रमुख निर्यात वस्तुओं में मोती और कीमती पत्थर, रासायनिक और खनिज/उर्वरक उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, पेट्रोलियम तेल, रक्षा, मशीनरी और परिवहन उपकरण शामिल हैं।

Point of View

जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। यह कदम वैश्विक स्तर पर भी हमारे व्यापारिक संबंधों को मजबूती देगा।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और इजरायल का निवेश समझौता क्या है?
यह एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौता है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच पारस्परिक निवेश को सुदृढ़ करना है।
इस समझौते का मुख्य लाभ क्या है?
इस समझौते के माध्यम से इजराइली और भारतीय निवेशकों के लिए नए अवसरों का सृजन होगा, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
इस समझौते पर किसने हस्ताक्षर किए?
इस समझौते पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजरायल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने हस्ताक्षर किए।