क्या भारत में व्यापारियों को डिजिटल भुगतान में जून में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई?

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क्या भारत में व्यापारियों को डिजिटल भुगतान में जून में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई?

सारांश

भारत में व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान में जून के महीने में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह रिपोर्ट बताती है कि यूपीआई और क्रेडिट कार्ड के उपयोग में वृद्धि हुई है, जबकि डेबिट कार्ड के उपयोग में कमी आई है। जानें इस बढ़ती प्रवृत्ति का क्या अर्थ है?

Key Takeaways

  • डिजिटल भुगतान में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • यूपीआई-पी2एम की बाजार हिस्सेदारी 74.5 प्रतिशत है।
  • नए कार्डों की संख्या 13.1 लाख तक पहुंच गई है।
  • ई-कॉमर्स में 63.1 प्रतिशत का योगदान है।
  • सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय है।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत में व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान जून के महीने में सालाना आधार पर लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,10,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में साझा की गई।

इक्विरस सिक्योरिटीज द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) भुगतान का इसमें सबसे बड़ा योगदान है, जो सालाना 22 प्रतिशत बढ़कर 6.8 लाख रुपए हो गया, जबकि क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च सालाना 15 प्रतिशत बढ़कर 1.8 लाख रुपए तक पहुंच गया।

हालांकि, डेबिट कार्ड से खर्च पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत घटकर 35,300 करोड़ रुपए रह गया।

जून में यूपीआई-पी2एम की कुल बाजार हिस्सेदारी 74.5 प्रतिशत रही, वहीं क्रेडिट कार्ड की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट में बताया गया है कि "लगभग दो-तिहाई यूपीआई-पी2एम लेनदेन मूल्य के अनुसार 2,000 रुपए से अधिक के थे।"

इसी अवधि के दौरान सक्रिय कार्डों की संख्या 11.12 करोड़ पर स्थिर रही।

एचडीएफसी बैंक ने 2.13 लाख नए कार्डों के साथ सबसे आगे रहकर, उसके बाद यस बैंक, फेडरल बैंक, एसबीआई कार्ड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का स्थान रहा।

रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक 13.1 लाख नए कार्ड जोड़े गए हैं। बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से, एचडीएफसी बैंक ने सक्रिय कार्ड और खर्च दोनों में क्रमशः 22 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बढ़त बनाए रखी।

जून में कुल खर्च में 63.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, ई-कॉमर्स ने क्रेडिट कार्ड खर्च में अपना दबदबा बनाए रखा।

प्रति कार्ड औसत ई-कॉमर्स खर्च 10,400 रुपए प्रति माह था, जबकि फिजिकल पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) टर्मिनलों पर यह 6,100 रुपए था।

इस सप्ताह की शुरुआत में, सरकार ने संसद को सूचित किया कि पिछले छह वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 25) में 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिनकी वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार देश में टियर-2 और टियर-3 सहित डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), फिनटेक कंपनियों, बैंकों और राज्य सरकारों सहित विभिन्न पक्षकारों के साथ मिलकर काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरबीआई ने टियर-3 से टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर में डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहित करने के लिए 2021 में एक पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) की स्थापना की है।

Point of View

बल्कि यह समग्र अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करती है। सरकार और बैंकों की ओर से उठाए गए कदमों से यह सुनिश्चित हो रहा है कि डिजिटल लेनदेन में वृद्धि हो, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

डिजिटल भुगतान में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
डिजिटल भुगतान में वृद्धि का मुख्य कारण यूपीआई और क्रेडिट कार्ड का अधिक उपयोग है।
क्या डेबिट कार्ड का उपयोग कम हुआ है?
हाँ, डेबिट कार्ड का उपयोग पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत घट गया है।
सरकार के द्वारा डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
सरकार ने आरबीआई, एनपीसीआई और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं।
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