क्या भारत में जुलाई-सितंबर अवधि में 1.48 अरब डॉलर की टेक्नोलॉजी डील्स हुईं?
सारांश
Key Takeaways
- 1.48 अरब डॉलर की टेक्नोलॉजी डील्स हुईं।
- टेक्नोलॉजी सेक्टर में 80 डील्स की संख्या।
- हाई-वैल्यू डील में चार गुना वृद्धि।
- निवेशकों का ध्यान एआई और ऑटोमेशन पर।
- टेक्नोलॉजी सेक्टर में 29 डील्स का रिकॉर्ड।
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में टेक्नोलॉजी सेक्टर में 1.48 अरब डॉलर की डील हुई हैं और इस दौरान डील की संख्या 80 रही। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
बिजनेस एडवाइजरी फर्म ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट में कहा गया कि तिमाही आधार पर डील्स की वैल्यू में 33 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है, जो दर्शाता है कि ट्रेंड अब वॉल्यूम से वैल्यू की ओर शिफ्ट हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हाई-वैल्यू डील (50 मिलियन डॉलर से अधिक) की संख्या में चार गुना का इजाफा हुआ है। यह दिखाता है कि निवेशकों का फोकस सस्टेनेबल एंटरप्राइज मॉडल और क्रॉस-बॉर्डर स्केलेबिलिटी पर है।
इस उछाल की वजह वैश्विक परिस्थितियों में बदलाव होना है और निवेशकों का एआई, एसएएएस और एंटरप्राइज ऑटोमेशन पर फोकस बढ़ना है।
टेक सेक्टर में विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) की कुल 29 डील्स हुई हैं और इनकी वैल्यू 743 मिलियन डॉलर थी। वैल्यू में तिमाही आधार पर 239 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी वजह एआई और ऑटोमेशन आधारित टेक्नोलॉजी सर्विसेज में डील बढ़ना है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी के पार्टनर और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री लीडर, राजा लाहिड़ी ने कहा, "2025 की तीसरी तिमाही भारत के टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में एक स्पष्ट बदलाव को दर्शाती है, जहां निवेशक और अधिग्रहणकर्ता एआई, सास और एंटरप्राइज ऑटोमेशन में वैल्यू संचालित, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित डील्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। ब्रेकआउट कंपनियों की अगली लहर डीप टेक और एआई-नेटिव इन्फ्रास्ट्रक्चर से उभरने की उम्मीद है।"
रिपोर्ट में बताया गया कि आउटबांउड डील की संख्या में उछाल आया है और कुल वैल्यू में इसकी हिस्सेदारी 87 प्रतिशत की रही है, जिसमें 100 मिलियन डॉलर से अधिक के तीन हाई-वैल्यू लेनदेन शामिल हैं।
समीक्षा अवधि में टेक सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर की ओर से 50 डील्स रिकॉर्ड की गई हैं, जिनकी वैल्यू 584 मिलियन डॉलर थी, जो कि तिमाही आधार पर वॉल्यूम में 39 प्रतिशत और वैल्यू में 172 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
2025 की तीसरी तिमाही में टेक सेक्टर में गतिविधियां काफी कमजोर रही हैं और इस दौरान केवल एक आईपीओ आया है और कोई भी क्यूआईपी लेनदेन रिकॉर्ड नहीं किया गया है।