क्या भारत का आईटी खर्च 2026 तक 176.3 अरब डॉलर तक पहुँचने वाला है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का आईटी खर्च 2026 तक 176.3 अरब डॉलर पहुँच सकता है।
- डेटा सेंटर सिस्टम में 20.5 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है।
- एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ रहा है।
- आईटी सेवाओं पर खर्च में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
- डिवाइस और संचार सेवाओं पर खर्च में भी वृद्धि का अनुमान है।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्लाउड और डिजिटल तकनीक के तेजी से बढ़ते उपयोग को देखते हुए, भारत का आईटी खर्च 2026 तक 176.3 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है, जो कि हर साल 10.6 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
गार्टनर की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा सेंटर सिस्टम सेगमेंट में 2026 में 20.5 प्रतिशत की उच्चतम सालाना वृद्धि होने की संभावना है, जिससे यह 9,385 मिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है। बढ़ती डेटा प्राइवेसी और सॉवरेन क्लाउड की आवश्यकताएँ इस सेगमेंट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
गार्टनर के सीनियर डायरेक्टर एनालिस्ट नरेश सिंह ने कहा, "स्थानीय एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए कई सरकारी कार्यक्रम और तेजी से बढ़ते एआई इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश डेटा सेंटर सिस्टम पर खर्च को बढ़ाएंगे।"
गार्टनर के वीपी एनालिस्ट डीडी मिश्रा ने कहा, "भारत में डेटा सेंटर में नए निवेश को आकर्षित करने के लिए एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग महत्वपूर्ण होगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिकीकरण एप्लिकेशन, कनेक्टिविटी को मजबूत बनाना, और हाइपर ऑटोमेशन लागू करना, ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और संचालन की दक्षता को बढ़ाने के लिए आईटी खर्च को बढ़ावा देंगे।
एआई-समर्थित सॉफ़्टवेयर समाधान और आधुनिक आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर में उद्यम निवेश बढ़ रहा है, जिससे सॉफ़्टवेयर पर खर्च 17.6 प्रतिशत की दर से बढ़कर 24.7 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
इंफ्रास्ट्रक्चर एज अ सर्विस (आईएएएस), कंसल्टिंग, और एप्लिकेशन मॉडर्नाइजेशन में मजबूत निवेश को देखते हुए, आईटी सेवाओं पर खर्च 2026 में 11.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, और अगले कुछ वर्षों में डबल-डिजिट ग्रोथ की संभावना है।
गार्टनर की रिपोर्ट बताती है कि जीसीसी की तेजी से वृद्धि और उच्च कौशल वाली, लागत-कुशल कार्यबल तक पहुँच इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण होगी। डिवाइस पर खर्च 9.9 प्रतिशत बढ़कर 66,442 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जबकि संचार सेवाओं पर खर्च 5.4 प्रतिशत बढ़कर 40,414 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है।