क्या वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई में 16 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा?

सारांश
Key Takeaways
- मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई में 59.1 पर पहुंचा।
- सशक्त घरेलू मांग और उत्पादन विस्तार के कारण वृद्धि हुई।
- व्यापारिक विश्वास मुद्रास्फीति के कारण प्रभावित हुआ।
- भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- रोजगार में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक अस्थिरता और अमेरिकी टैरिफ के बीच, देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में पिछले महीने तेजी आई है, जिससे जुलाई में भारत का परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 16 महीने के उच्चतम स्तर 59.1 पर पहुंच गया, जो जून में 58.4 था। यह जानकारी एसएंडपी ग्लोबल ने शुक्रवार को जारी की।
मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के 59.1 पर पहुंचने का कारण मजबूत व्यापारिक भावना है, जो नए ऑर्डर और आउटपुट में वृद्धि के चलते हुआ है।
एचएसबीसी के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, "भारत ने जुलाई में 59.1 का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई दर्ज किया, जो पिछले महीने के आंकड़े 58.4 से अधिक है। यह इस क्षेत्र के लिए 16 महीने का उच्चतम स्तर है, जिसे नए ऑर्डर और उत्पादन में मजबूत वृद्धि का लाभ मिला है।"
भंडारी ने आगे कहा, "हालांकि, प्रतिस्पर्धा और मुद्रास्फीति को लेकर चिंताओं के कारण व्यावसायिक विश्वास तीन साल के निचले स्तर पर आ गया।"
भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 2025 की दूसरी छमाही में भी मजबूत स्थिति में बना हुआ है।
एसएंडपी ग्लोबल ने बताया कि मजबूत घरेलू मांग और निरंतर उत्पादन विस्तार के चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूती बनी हुई है।
भारत के निजी क्षेत्र ने जुलाई में मजबूत मैन्युफैक्चरिंग और वैश्विक मांग के बल पर वृद्धि दर्ज की है।
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स, जून के 58.4 से बढ़कर जुलाई में 60.7 हो गया।
भारत में निजी क्षेत्र की फर्मों को प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर दूसरी वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही की शुरुआत में तेजी से बढ़े हैं। भारतीय कंपनियां अगले 12 महीनों में उत्पादन वृद्धि को लेकर आशावादी बनी रही हैं।
विशेष रूप से सर्विसेज में रोजगार में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है, जो दर्शाता है कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों सेक्टर के विस्तार के साथ-साथ रोजगार सृजन भी बढ़ रहा है।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) के अनुसार, वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
हाल में आए संशोधन में आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अपने पूर्वानुमान को 20 आधार अंकों बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक एजेंसी ने वित्त वर्ष 2027 के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को भी 10 आधार अंकों बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है।