क्या वित्त वर्ष 2025 में भारत के निर्यात ने वैश्विक वृद्धि को पीछे छोड़ते हुए रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ?

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क्या वित्त वर्ष 2025 में भारत के निर्यात ने वैश्विक वृद्धि को पीछे छोड़ते हुए रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ?

सारांश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय निर्यातकों की प्रशंसा की, जिन्होंने ग्लोबल स्लोडाउन के बावजूद 825 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड निर्यात तक पहुंचने में सफलता पाई। इस लेख में वित्त मंत्री के विचार और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विस्तार से जिक्र है।

Key Takeaways

  • भारत का कुल निर्यात 825 बिलियन डॉलर पर पहुँचा।
  • निर्यात में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • ग्लोबल निर्यात में केवल 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पाँच प्रमुख उपायों की घोषणा की।
  • भारत उच्च मानक वाले उत्पादों का निर्यात कर रहा है।

नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ग्लोबल स्लोडाउन के बावजूद कुल निर्यात को 825 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर तक पहुँचाने के लिए भारतीय निर्यातकों की सराहना की।

एक्जिम बैंक ट्रेड कॉन्क्लेव 2025 में अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "भारत का कुल निर्यात 825 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत की वृद्धि और 2013-14 के 466 बिलियन डॉलर की तुलना में शानदार वृद्धि को दर्शाता है, जबकि वैश्विक निर्यात में केवल 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत के निर्यातक तेजी से आगे बढ़ने और 6.3 प्रतिशत को पार करने में सफल रहे।"

वित्त मंत्री ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक व्यापार और विकास प्रभावित हुआ है; विश्व व्यापार संगठन, आईएमएफ और विश्व बैंक के वार्षिक अनुमानों के अनुसार वैश्विक विकास में कोई उछाल नहीं आया है। ऐसा नहीं लगता कि दुनिया निर्यात के साथ चलने के मूड में है। इसके बाद भी, भारतीय निर्यातकों ने मजबूती दिखाते हुए वैश्विक निर्यात में आई गिरावट के बावजूद वृद्धि दर्ज की है।"

वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूरोप में स्लोडाउन जैसी स्थितियों के बावजूद, हमारे निर्यातकों ने रचनात्मक रूप से अपना रास्ता बदला है और नए बाजार खोजे हैं।

उन्होंने कहा, "भारत केवल थोक वस्तुओं का ही निर्यात नहीं कर रहा है, बल्कि अच्छी तरह से तैयार किए गए, उच्च मानक वाले उत्पादों का भी निर्यात कर रहा है।"

मुक्त व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए चल रही बातचीत के बारे में, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ये समझौते भविष्य में देश के निर्यात की गतिशीलता को बदल देंगे।

उन्होंने कहा, "अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ गहन व्यापार वार्ता चल रही है और जल्द ही निष्कर्ष पर पहुंच जाएगी। अधिक मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने पर जोर दिया जा रहा है।"

उन्होंने निर्यातकों को भारत सरकार के दृढ़ समर्थन का आश्वासन दिया।

इस संदर्भ में, उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए पांच प्रमुख उपायों पर प्रकाश डाला।

वित्त मंत्री ने भारत द्वारा अपने आयात पर उच्च टैरिफ लगाने की वैश्विक आलोचना को भी खारिज करते हुए कहा कि इस साल के बजट में 7 टैरिफ दरें हटा दी गई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत के निर्यातकों ने वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। सरकार के सक्रिय समर्थन और निरंतर प्रयासों के साथ, भारत का निर्यात भविष्य में और भी वृद्धि की संभावना रखता है।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

भारत का निर्यात कब 825 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया?
भारत का निर्यात 2025 में 825 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गया।
क्या भारत के निर्यात में वैश्विक वृद्धि की तुलना में अधिक वृद्धि हुई है?
हाँ, भारत के निर्यात में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि वैश्विक निर्यात में केवल 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री ने निर्यातकों की सराहना क्यों की?
वित्त मंत्री ने ग्लोबल स्लोडाउन के बावजूद निर्यातकों की सराहना की क्योंकि उन्होंने मजबूत प्रदर्शन किया है।
सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पांच प्रमुख उपायों की घोषणा की है।
भारत के निर्यात में वृद्धि का क्या कारण है?
भारत के निर्यात में वृद्धि का कारण निर्यातकों की रचनात्मकता और नए बाजारों की खोज है।