क्या भारत का फर्मा निर्यात अप्रैल-मई में 4.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया?

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क्या भारत का फर्मा निर्यात अप्रैल-मई में 4.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया?

सारांश

भारत का फार्मास्यूटिकल्स निर्यात अप्रैल-मई 2026 में 4.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो 7.38% की वृद्धि है। यह वृद्धि वैश्विक मांग और तकनीकी नवाचारों के कारण हुई है। जानें इस सफलता के पीछे के कारण और भारत के फार्मा उद्योग के भविष्य के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत का फार्मास्यूटिकल्स निर्यात 4.9 अरब डॉलर तक पहुंचा है।
  • 7.38 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है।
  • ग्लोबल मांग और डिजिटल नवाचार ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।
  • उत्पादों में ड्रग फॉरमुलेशंस और जैविक उत्पादों का वर्चस्व है।
  • भारत-यूके एफटीए से आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार होगा।

नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (फार्मेक्सिल) के नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत का फार्मास्यूटिकल्स निर्यात वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-मई अवधि में सालाना आधार पर 7.38 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

फार्मेक्सिल, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक अधिकृत एक्सपोर्ट प्रमोशन एजेंसी है।

देश के फार्मा सेक्टर के बढ़ते निर्यात से संकेत मिलता है कि उद्योग के उत्पादों की वैश्विक स्तर पर मांग में वृद्धि हो रही है।

फार्मेक्सिल ने बताया कि यह वृद्धि स्थायी विनिर्माण, वैश्विक बाजार में उपस्थिति का विस्तार, और डिजिटल नवाचारों पर केंद्रित रणनीतिक पहलों के कारण हुई है। ये प्रयास भारत के फार्मा उद्योग के लिए एक ट्रिलियन डॉलर के व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

फार्मेक्सिल के चेयरमैन नमित जोशी ने कहा, "भारत के फार्मास्यूटिकल निर्यात में सालाना आधार पर निरंतर वृद्धि जारी है और निर्यात के वर्ग में ड्रग फॉरमुलेशंस और जैविक उत्पादों का वर्चस्व है।"

जोशी ने आगे कहा, "हम इस वृद्धि का श्रेय बढ़ती वैश्विक मांग, सुव्यवस्थित विनियामक अनुमोदन, तकनीकी नवाचारों, रणनीतिक साझेदारियों, और आर्थिक स्थिरता को देते हैं।"

भारत के फार्मा निर्यात में मई में ड्रग फॉरमुलेशंस और जैविक उत्पादों की हिस्सेदारी 75.74 प्रतिशत रही है।

इसके अलावा, कई फार्मा उत्पादों का निर्यात बढ़ा है।

मई में बल्क ड्रग्स और ड्रग इंटरमीडिएट के निर्यात में 4.40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वैक्सीन निर्यात 13.64 प्रतिशत बढ़कर 190.13 मिलियन डॉलर पहुंच गया है। सर्जिकल वस्तुओं और आयुष एवं हर्बल उत्पादों के निर्यात में क्रमश: 8.58 प्रतिशत और 7.36 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

फार्मेक्सिल के अनुसार, भारत के लगभग 76 प्रतिशत फार्मा निर्यात गंतव्यों में उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (एनएएफटीए) क्षेत्र, यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका शामिल हैं।

जोशी के अनुसार, भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा। इससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में वृद्धि होगी और सस्ती दवाओं तक पहुंच बेहतर होगी। यह विशेष रूप से अनुबंध विकास और विनिर्माण (सीडीएमओ) और संयुक्त अनुसंधान में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को भी आकर्षित करेगा।

Point of View

जो वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। निर्यात में वृद्धि न केवल अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही है, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सस्ती और प्रभावी दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित कर रही है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत का फार्मास्यूटिकल्स निर्यात किन देशों को जाता है?
भारत का लगभग 76 प्रतिशत फार्मा निर्यात उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता क्षेत्र, यूरोप, अफ्रीका, और लैटिन अमेरिका को जाता है।
फार्मेक्सिल क्या है?
फार्मेक्सिल फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया है, जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करती है।
भारत के फार्मा निर्यात में वृद्धि के कारण क्या हैं?
वृद्धि के मुख्य कारणों में वैश्विक मांग, सुव्यवस्थित विनियामक अनुमोदन, तकनीकी नवाचार, और आर्थिक स्थिरता शामिल हैं।
क्या भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते का लाभ होगा?
हाँ, यह उद्योग को लाभ पहुंचाएगा, आपूर्ति श्रृंखलाओं में वृद्धि करेगा और सस्ती दवाओं तक पहुंच में सुधार करेगा।
भारत का फार्मास्यूटिकल्स निर्यात किस प्रकार के उत्पादों में होता है?
भारत का फार्मास्यूटिकल्स निर्यात मुख्यतः ड्रग फॉरमुलेशंस और जैविक उत्पादों में होता है।