क्या पिछले तीन वर्षों में भारत का सूती वस्त्र निर्यात 35.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया?

Click to start listening
क्या पिछले तीन वर्षों में भारत का सूती वस्त्र निर्यात 35.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया?

सारांश

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद में बताया कि भारत का सूती वस्त्र निर्यात पिछले तीन वर्षों में 35.642 अरब डॉलर को पार कर गया है। यह आंकड़ा सूती धागा, कपड़े और कच्चे कपास को शामिल करता है। यह विकास 'कपास उत्पादकता मिशन' के अंतर्गत हुआ है, जिसका उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक सहायता प्रदान करना है।

Key Takeaways

  • भारत का सूती वस्त्र निर्यात 35.642 अरब डॉलर को पार कर गया है।
  • कपास उत्पादकता मिशन किसानों के लिए वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।
  • निफ्ट ने 14 देशों के साथ औपचारिक सहयोग स्थापित किया है।
  • जलवायु-अनुकूल कपास किस्मों का विकास हो रहा है।
  • उन्नत प्रजनन और जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को संसद में खुलासा किया कि पिछले तीन वर्षों में भारत का सूती वस्त्रों का कुल निर्यात 35.642 अरब डॉलर को पार कर गया है। इसमें सूती धागा, सूती कपड़े, मेड-अप, अन्य कपड़ा धागा, फैब्रिक मेड-अप और कच्चा कपास शामिल हैं।

उन्होंने आगे बताया कि विजन 2030 के तहत कपास की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार, नवाचार को बढ़ावा देने और कपड़ा मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए वित्त मंत्री ने 2025-26 के बजट में पांच वर्षीय 'कपास उत्पादकता मिशन' की घोषणा की थी।

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) इस मिशन का प्रमुख विभाग है, जिसमें कपड़ा मंत्रालय भी सहयोग कर रहा है। इस मिशन का उद्देश्य सभी कपास उत्पादक राज्यों में अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों के माध्यम से कपास उत्पादन को बढ़ावा देना है।

इस मिशन में जलवायु-अनुकूल, कीट-प्रतिरोधी और उच्च उपज देने वाले कपास की किस्मों के विकास पर भी जोर दिया जाएगा, जिसमें उन्नत प्रजनन और जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है, जिससे वे उच्च उत्पादकता और बेहतर रेशे की गुणवत्ता प्राप्त कर सकें।

उन्होंने यह भी बताया कि निफ्ट (राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान) ने यूके, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, न्यूजीलैंड और फिनलैंड समेत 14 से अधिक देशों के 22 से अधिक संस्थानों के साथ औपचारिक सहयोग स्थापित किया है। ये सहयोग समझौता ज्ञापनों के माध्यम से संचालित होते हैं।

बड़े सहयोगों में एफआईटी (न्यूयॉर्क), यूएएल (यूके), ईएनएसएआईटीटी (फ्रांस) और बुंका (जापान) जैसे संस्थानों के साथ साझेदारियां शामिल हैं।

पिछले पांच वर्षों में, लगभग 100 से अधिक निफ्ट छात्रों और कई संकाय सदस्यों ने अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान कार्यक्रमों में भाग लिया है, जिसमें विश्व स्तर पर साझेदारी भी शामिल है।

Point of View

मुझे यह कहना है कि भारत का सूती वस्त्र निर्यात न केवल हमारे किसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह हमारे देश की आर्थिक वृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। कपास उत्पादकता मिशन का कार्यान्वयन हमारे कपड़ा उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत का सूती वस्त्र निर्यात कितना है?
भारत का सूती वस्त्र निर्यात पिछले तीन वर्षों में 35.642 अरब डॉलर को पार कर गया है।
'कपास उत्पादकता मिशन' का उद्देश्य क्या है?
'कपास उत्पादकता मिशन' का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
निफ्ट के अंतरराष्ट्रीय सहयोग का महत्व क्या है?
निफ्ट ने 14 देशों के साथ सहयोग स्थापित किया है, जो वैश्विक शैक्षणिक एकीकरण को बढ़ावा देता है।