क्या उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर ईंधन में बदलाव होना चाहिए? : कमल हासन
सारांश
Key Takeaways
- कमल हासन ने ई20 ईंधन में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया।
- सरकार को कंज्यूमर हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- ई20 ईंधन के लिए व्यापक अध्ययन किए गए हैं।
- पुराने वाहनों के लिए ई20 का उपयोग सुरक्षित है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता से नेता बने और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार से ई20 ईंधन में बदलाव और ई10 पेट्रोल को बंद करने के विषय में सवाल उठाए, जिसका जवाब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने दिया। कमल हासन ने शुक्रवार को सवाल-जवाब की प्रति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। उन्होंने कहा कि बदलाव के दौरान कंज्यूमर के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
कमल हासन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कई भारतीयों के लिए, पर्सनल ट्रांसपोर्ट आकांक्षा और रोजाना की तरक्की को दर्शाता है। राज्यसभा में अपने पहले अतारांकित प्रश्न में, मैंने इथेनॉल-मिश्रित ईंधन, वाहनों पर इसके असर, ई10 पेट्रोल को वापस लेने और कंज्यूमर सुरक्षा उपायों पर स्पष्टता मांगी। इन मुद्दों पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने जवाब दिया। यह बदलाव जानकारी के साथ, निष्पक्ष और कंज्यूमर के हितों को ध्यान में रखकर होना चाहिए।"
कमल हासन ने संसद सत्र में तीन सवाल किए, जिसमें पूछा कि क्या ई20 ईंधन के वाहनों पर माइलेज, इंजन के पुर्जों और फ्लीट कम्पैटिबिलिटी पर पड़ने वाले प्रभाव के लिए व्यापक अध्ययन किए गए हैं? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? उन्होंने सवाल किया कि पुराने वाहनों के साथ इसकी व्यापक कम्पैटिबिलिटी के बावजूद देश भर में ई10 पेट्रोल की उपलब्धता बंद करने के क्या कारण हैं, और क्या सरकार ई10 को एक विकल्प के रूप में फिर से शुरू करने का प्रस्ताव रखती है?
एक अन्य सवाल में उन्होंने पूछा कि क्या ई20 के उपयोग से वाहन को होने वाले नुकसान या अधिक परिचालन लागत से संबंधित वारंटी, बीमा या उपभोक्ता संरक्षण पर कोई दिशानिर्देश मौजूद हैं? क्या सरकार ने इथेनॉल की कीमत में अस्थिरता और ईंधन की सामर्थ्य पर इसके प्रभाव का आकलन किया है?
केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने 17 दिसंबर को हासन के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि नीति आयोग के तहत 26/12/2020 को गठित अंतर-मंत्रालयी समिति ने, अन्य बातों के अलावा, वाहन कम्पैटिबिलिटी और माइलेज के विभिन्न पहलुओं की जांच की थी। इस आकलन को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) द्वारा किए गए अनुसंधान अध्ययनों से भी समर्थन मिला।
उन्होंने बताया कि ई20 ईंधन वाले वाहनों पर किए गए व्यापक फील्ड परीक्षणों में कोई कम्पैटिबिलिटी समस्या या ई20 का कोई नकारात्मक प्रभाव सामने नहीं आया। इन अध्ययनों ने पुष्टि की है कि पुराने वाहन भी ई20 ईंधन के साथ चलाने पर प्रदर्शन में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं दिखाते हैं, और न ही उनमें असामान्य नुकसान होता है।