क्या 'विकसित भारत-जी राम जी' बिल ग्रामीण आय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा?

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क्या 'विकसित भारत-जी राम जी' बिल ग्रामीण आय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा?

सारांश

मध्य प्रदेश के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 'विकसित भारत- जी राम जी' विधेयक को ग्रामीण आय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है। इस विधेयक के माध्यम से ग्रामीण रोजगार और विकास को नई दिशा मिलेगी। जानें इस पर उनके विचार और सरकार की योजनाएँ।

Key Takeaways

  • विकसित भारत- जी राम जी विधेयक ग्रामीण आय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा।
  • यह विधेयक मनरेगा में व्यापक बदलाव लाएगा।
  • नर्मदा नदी क्षेत्र में आश्रय स्थलों का निर्माण होगा।
  • ग्रामीण विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता।
  • दिसंबर 2026 तक श्मशान घाटों को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

भोपाल, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 'विकसित भारत- जी राम जी' विधेयक को ग्रामीण आय सुरक्षा को सुदृढ़ करने वाला बताया है। भोपाल में, मंत्री पटेल ने मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे होने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया।

उन्होंने कहा कि संसद ने विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 (विकसित भारत- जी राम जी विधेयक, 2025) को पारित किया है। यह विधेयक मनरेगा में व्यापक वैधानिक बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जो ग्रामीण रोजगार को विकसित भारत 2047 के दीर्घकालिक विजन के साथ संयोजित करेगा तथा जवाबदेही, बुनियादी ढांचे के परिणामों और आय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा। गांव के विकास के बिना प्रदेश और राष्ट्र के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।

मंत्री पटेल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में ग्राम विकास है। उनकी भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए, सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में हमारी सरकार ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। राज्य में दो साल में पंचायतों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक कार्य हुए हैं। तीनों स्तर की पंचायतों के कार्यालय भवनों के लिए स्वीकृतियां प्रदान की गईं तथा उनके डिजाइन में परिवर्तन भी किया गया, ताकि भविष्य में उनके ऊपरी मंजिलों का भी निर्माण किया जा सके।

प्रहलाद सिंह पटेल ने नर्मदा नदी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का विवरण देते हुए कहा कि जीवनदायिनी मां नर्मदा के परिक्रमा पथ को सुगम बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए 231 स्थल चिह्नित किए गए हैं। इन स्थलों पर प्रथम चरण में पौधारोपण कार्य हेतु फेंसिंग के लिए 4.13 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। 19 स्थलों पर आश्रय स्थलों एवं यात्री प्रतीक्षालय के निर्माण के लिए 10.5 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इन आश्रय स्थलों का निर्माण पर्यटन विकास विभाग के माध्यम से प्रारंभ भी हो चुका है।

उन्होंने आगे बताया कि नदियों एवं जलवायु का संरक्षण हम सभी की सामूहिक चिंता का विषय है। मैंने प्रदेश की 106 नदियों के उद्गम स्थलों तक की यात्रा की है। राज्य सरकार इन उद्गम स्थलों को संरक्षित एवं संवर्धित करने का प्रयास कर रही है। 89 नदियों के उद्गम स्थलों पर पौधरोपण कार्य हेतु फेंसिंग के लिए 2.92 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

मंत्री पटेल ने आगामी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान घाटों को सुव्यवस्थित करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। इसके लिए दिसंबर, 2026 तक की समय सीमा भी तय की गई है। इस अवधि में सभी श्मशान घाटों को अतिक्रमण मुक्त करवाकर फेंसिंग उपरांत उनमें पौधरोपण करना और उन्हें मुख्य सड़क से एप्रोच रोड बनाकर जोड़ने का कार्य इस अवधि में किया जाएगा।

Point of View

यह न केवल रोजगार सृजन करेगा, बल्कि समाज की जवाबदेही और बुनियादी ढांचे में सुधार भी लाएगा। इस दृष्टिकोण से, यह नीति ग्रामीण भारत के लिए एक नई उम्मीद हो सकती है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

विकसित भारत- जी राम जी विधेयक क्या है?
यह विधेयक ग्रामीण आय सुरक्षा को सुदृढ़ करने और रोजगार सृजन के लिए पारित किया गया है।
इस विधेयक से ग्रामीण क्षेत्रों को क्या लाभ होगा?
यह विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने और विकास को सुनिश्चित करेगा।
सरकार ने इस विधेयक के लिए क्या योजनाएँ बनाई हैं?
सरकार ने ग्रामीण विकास, नदियों के संरक्षण, और श्मशान घाटों के सुव्यवस्थित करने की योजनाएँ बनाई हैं।
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