क्या किफायती ब्रॉडबैंड, यूपीआई और डिजिटल गवर्नेंस में भारत की प्रगति अब एक वैश्विक उदाहरण बन गई है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने किफायती ब्रॉडबैंड में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
- यूपीआई लेनदेन में तेजी से वृद्धि हो रही है।
- डिजिटल गवर्नेंस में भारत ने वैश्विक मानक स्थापित किए हैं।
- भारत की डिजिटल यात्रा एक निर्णायक मोड़ पर है।
- टेलीकॉम नवाचार में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक पोस्ट को पुनः साझा किया, जिसमें बताया गया है कि किफायती ब्रॉडबैंड, यूपीआई और डिजिटल गवर्नेंस में भारत की प्रगति अब एक वैश्विक अध्ययन बन चुकी है।
पीएमओ द्वारा साझा की गई पोस्ट में लिखा गया है, "केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि 5जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत एक अग्रणी भूमिका निभाएगा और मानक स्थापित करेगा।"
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने एक्स हैंडल पर एक समाचार लेख साझा करते हुए लिखा, "एरिक्सन, क्वालकॉम, सिस्को और नोकिया के साथ मिलकर, बीएसएनएल भारत के युवाओं को डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए तैयार कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया के आह्वान के अनुरूप, यह सहयोग भारत को टेलीकॉम नवाचार और विशेषज्ञता के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
केंद्रीय मंत्री का यह लेख 'हूकिंग अप टू द नेक्स्ट टेली लेवल' शीर्षक से एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि भारत अपनी डिजिटल यात्रा में एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। कनेक्टिविटी अब प्रगति की नई मुद्रा बन गई है, जो अर्थव्यवस्थाओं को आकार दे रही है, समुदायों को सशक्त बना रही है और अवसरों का विस्तार कर रही है।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने लिखा है कि किफायती ब्रॉडबैंड का विस्तार, यूपीआई जैसे डिजिटल भुगतान को सक्षम करना और शासन के लिए तकनीक का उपयोग करने में भारत की उपलब्धियां विश्व भर में उदाहरण बन गई हैं।
इसी बीच, एसबीआई रिसर्च के अनुसार, यूपीआई लेनदेन में निरंतर वृद्धि हो रही है। इस वर्ष जनवरी में औसत दैनिक मूल्य ₹75,743 करोड़ से बढ़कर अगस्त में ₹90,446 करोड़ तक पहुंच गया है, जिसमें एसबीआई 5.2 अरब लेनदेन के साथ शीर्ष प्रेषक सदस्य बना है।