क्या मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में तेजी ने देश की जीडीपी वृद्धि दर को पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत तक पहुंचाया?

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क्या मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में तेजी ने देश की जीडीपी वृद्धि दर को पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत तक पहुंचाया?

सारांश

नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की जीडीपी की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही, जो कि 6.6 प्रतिशत के अनुमान से काफी अधिक थी। इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेज विकास दर का होना है। जानिए यह रिपोर्ट क्या कहती है।

Key Takeaways

  • ग्रोथ रेट: पहली तिमाही में जीडीपी 7.8 प्रतिशत
  • सर्विसेज सेक्टर: 8.6 प्रतिशत की वृद्धि
  • मैन्युफैक्चरिंग: 7.7 प्रतिशत की वृद्धि
  • कमजोर क्षेत्र: खनन और इलेक्ट्रिसिटी
  • जीवीए ग्रोथ: 7.6 प्रतिशत

नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की जीडीपी की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही, जो कि 6.6 प्रतिशत के अनुमान से काफी अधिक थी। इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेज विकास दर का होना है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया, "सर्विसेज सेक्टर के प्रमुख तीन हिस्सों- ट्रेड, होटल्स, ट्रांसपोर्ट और कॉमर्स एवं ब्रॉडकॉस्टिंग सर्विसेज की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 8.6 प्रतिशत रही, जो 6 प्रतिशत रहने का अनुमान था, फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और पेशेवर सर्विसेज की विकास दर वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 9.5 प्रतिशत थी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एवं डिफेंस की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 9.8 प्रतिशत रही, जबकि इसके 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान था।"

सर्विसेज सेक्टर में तेज गति कुछ हद तक हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स जैसे कि केन्द्रीय राजस्व व्यय में मजबूत वृद्धि, अच्छे सर्विसेज निर्यात, ई-वे बिल संग्रह और माल यातायात में वृद्धि से प्रतिबिंबित हुई, जो कि समग्र स्तर पर उम्मीद से अधिक थी।

दूसरी तरफ वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का भी प्रदर्शन काफी अच्छा था। इस दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 7.7 प्रतिशत रही, जो कि पहले 4.8 प्रतिशत थी। इसे घरेलू खपत और टैरिफ लगने से पहले विकसित देशों में अतिरिक्त निर्यात का फायदा मिला।

रिपोर्ट में बताया गया कि मैन्युफैक्चरिंग में तेज वृद्धि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा, जिसमें खनन और इलेक्ट्रिसिटी जैसे सेक्टर्स शामिल हैं।

कुल ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) ग्रोथ वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही है।

रिपोर्ट में कहा गया कि जीडीपी और जीवीए में अंतर उम्मीद के मुताबिक रहा। इसकी वजह अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि का सब्सिडी में बढ़त से अधिक होना था।

Point of View

यह कहना उचित है कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर का विकास देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह वृद्धि न केवल मौजूदा आर्थिक परिदृश्य को मजबूत कर रही है, बल्कि भविष्य में विकास की संभावनाओं को भी उजागर कर रही है।
NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत की जीडीपी में वृद्धि का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग है?
हाँ, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में तेज विकास ने जीडीपी में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान किया है।
सर्विसेज सेक्टर की विकास दर कितनी रही?
सर्विसेज सेक्टर की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 8.6 प्रतिशत रही।
क्या मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन भी अच्छा रहा?
जी हाँ, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 7.7 प्रतिशत रही, जो कि पहले 4.8 प्रतिशत थी।
क्या कोई क्षेत्र कमज़ोर प्रदर्शन कर रहा है?
हाँ, खनन और इलेक्ट्रिसिटी जैसे क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा है।
क्या जीडीपी और जीवीए में कोई अंतर है?
जी हाँ, जीडीपी और जीवीए में अंतर अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि के कारण है।