क्या 'वर्ल्ड साइंस डे' पर केंद्रीय मंत्रियों का भारत की वैज्ञानिक प्रगति पर बयान महत्वपूर्ण है?

Click to start listening
क्या 'वर्ल्ड साइंस डे' पर केंद्रीय मंत्रियों का भारत की वैज्ञानिक प्रगति पर बयान महत्वपूर्ण है?

सारांश

केंद्रीय मंत्रियों ने 'वर्ल्ड साइंस डे' पर भारत की वैज्ञानिक प्रगति की सराहना की और कहा कि यह ज्ञान-आधारित गतिविधियों के माध्यम से वैश्विक विकास को प्रेरित करेगा। इस लेख में, हम भारत के विज्ञान क्षेत्र में बढ़ते नेतृत्व और इसके वैश्विक प्रभाव पर चर्चा करेंगे।

Key Takeaways

  • भारत की वैज्ञानिक प्रगति वैश्विक स्तर पर प्रेरणा देती है।
  • 'वर्ल्ड साइंस डे' समाज में विज्ञान की भूमिका को मान्यता देता है।
  • ज्ञान और नवाचार स्थायी भविष्य के लिए आवश्यक हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र का विज्ञान एवं शांति सप्ताह महत्वपूर्ण है।
  • भारत का दृष्टिकोण विश्वगुरु बनने की दिशा में है।

नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्रियों ने सोमवार को कहा कि भारत अपनी वैज्ञानिक प्रगति और ज्ञान-आधारित गतिविधियों के माध्यम से दुनिया को प्रेरित करता रहेगा और उद्देश्यपूर्ण एवं वैश्विक उन्नति पर आधारित भविष्य का निर्माण करेगा।

समाज में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका और शांति एवं विकास से इसके संबंध को मान्यता देने के लिए 'वर्ल्ड साइंस डे' 10 नवंबर को मनाया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि वर्ल्ड साइंस डे पर हम साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत के बढ़ते नेतृत्व का जश्न मनाते हैं, यह एक ऐसा राष्ट्र है जहां इनोवेशन प्राचीन ज्ञान से मिलता है और खोज विकास को बढ़ावा देती है।

उन्होंने आगे कहा, "विश्वगुरु बनने के विजन के साथ, भारत अपनी वैज्ञानिक प्रगति और ज्ञान-आधारित प्रयासों के माध्यम से दुनिया को प्रेरित करता रहेगा और उद्देश्यपूर्ण एवं वैश्विक उन्नति पर आधारित भविष्य का निर्माण करेगा।"

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस वर्ल्ड साइंस डे पर, आइए ज्ञान और नवाचार की उस शक्ति का जश्न मनाएं जो एक स्थायी भविष्य को आकार देती है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "विज्ञान हमें हमारे प्लेनेट की सबसे बड़ी चुनौतियों के समाधान की ओर मार्गदर्शन करता रहे और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रगति, समानता और आशा को बढ़ावा देता रहे। वर्ल्ड साइंस डे की शुभकामनाएं!"

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विज्ञान हमारी दुनिया को समझने और सभी लोगों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए आवश्यक है।

अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और शांति सप्ताह पहली बार 1986 में अंतरराष्ट्रीय शांति वर्ष के उपलक्ष्य में मनाया गया था।

1986 के आयोजन की सफलता के आधार पर, आयोजकों ने अगले वर्ष भी इसे जारी रखा। इस वार्षिक उत्सव के महत्व को समझते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 1988 में प्रस्ताव 43/61 पारित किया, जिसके तहत "अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं शांति सप्ताह" की घोषणा की गई, जो प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर वाले सप्ताह में मनाया जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, "अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं शांति सप्ताह का वार्षिक उत्सव शांति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह सप्ताह सार्वभौमिक महत्व के विषय पर व्यापक शैक्षणिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है और साथ ही आम जनता में विज्ञान और शांति के संबंधों के बारे में अधिक जागरूकता भी पैदा करता है।"

Point of View

बल्कि वैश्विक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

वर्ल्ड साइंस डे का महत्व क्या है?
वर्ल्ड साइंस डे विज्ञान की भूमिका और इसके विकास में योगदान को मान्यता देता है।
भारत विज्ञान में कैसे प्रगति कर रहा है?
भारत वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी बनकर अपनी प्रगति कर रहा है।
Nation Press